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मुख्यमंत्री ने की कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं की समीक्षा

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय सभागार में कुम्भ मेला की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के प्रति देश विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। कुम्भ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के सुखद संदेश लेकर जाएं, यह हम सबका दायित्व है। इसके लिए सभी अधिकारी आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ कुम्भ की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित कराएं।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश सहित शासन के उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के प्रति लोगों में सकारात्मक संदेश जाए, इसके भी प्रयास किए जाएं। कुम्भ मेले में कोविड के नियमों का अनुपालन के साथ अधिक से अधिक श्रद्धालु इसमें शामिल हों, यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुम्भ क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के साथ ही सड़कों पर पड़ी निर्माण सामग्री को तुरंत हटाया जाए। कुम्भ क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए इसके लिए पर्याप्त सफाई निरीक्षकों एवं सफाई कार्मिकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई स्वास्थ्य से जुड़ा विषय भी है इसलिए साफ-सफाई एवं पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था कुम्भ क्षेत्र में की जाए। कुम्भ मेले में शंकराचार्यों एवं अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने के साथ उन क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक अतिरिक्त अधिकारियों की भी तैनाती शीघ्र करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, कुम्भ के लिए यदि अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जानी हों तो उसका प्रस्ताव दो दिन के अंदर शासन को उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने विभागीय सचिवों को व्यक्तिगत रूप से कुम्भ कार्यों की समीक्षा के साथ ही स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले शाही स्नानों में शिवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं से भी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो, इस पर ध्यान दिया जाए।
बैठक में सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के अन्तर्गत 661 करोड़ के 203 निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इनमें स्थायी प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि अस्थायी निर्माण कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से सम्बन्धित कार्यों की जानकारी दी। आईजी मेला संजय गुंज्याल ने सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी एवं पौड़ी भी उपस्थित रहे।

फूलदेई पर्व पर प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फूलदेई पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामना दी हैं। अपने सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है। साथ ही, यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से जुड़ा फुलदेई का पर्व हमें प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से पौधारोपण की भी अपील की है।
Key words:- Kumbh Mela, Tirath Singh Rawat, Chief Minister of Uttarakhand, Kumbh Mela 2021, Phool dei Parv, Festivals in Uttarakhand

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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