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देश में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस

राजपथ पर परेड में उत्तराखंड की झांकी में श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, डोबरा-चांठी ब्रिज और श्री बद्रीनाथ मंदिर को दर्शाया

देहरादून। देश ने आज 73वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीद जवानों को नमन किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के राजपथ पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी के बाद परेड की शुरुआत हुई।

जम्मू कश्मीर पुलिस के एसआई बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। श्रीनगर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में बाबू राम शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी रीना रानी और बेटे माणिक ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से यह सम्मान प्राप्त किया।

नई दिल्ली स्थित राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी में श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, डोबरा-चांठी ब्रिज और श्री बद्रीनाथ मंदिर को दर्शाया गया है। अन्य प्रदेशों ने भी झांकियों का प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड में देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने परेड की सलामी ली। समारोह में  सेना, आईटीबीपी, पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पीआरडी के जवानों ने मार्च पास्ट किया।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में ध्वजारोहण कर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।

नई दिल्ली में डीआरडीओ ने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन किया। इसमें पनडुब्बी के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम तकनीक दिखाई गई।भारतीय वायु सेना की झांकी ‘भविष्य के लिए भारतीय वायु सेना के परिवर्तन’ विषय को प्रदर्शित किया गया।

पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) परेड ग्राउंड में समारोहपूर्वक परेड आयोजित की गई। ईएनसी के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता ने सलामी ली और 50 सैनिकों के दल का निरीक्षण किया। बाद में, उन्होंने सभी जहाजों, पनडुब्बियों और प्रतिष्ठानों से लिए गए नौसैनिक कार्मिकों की प्लाटून की समीक्षा की। ईएनसी के एनएम चीफ वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन, परेड के संचालन अधिकारी थे, जिसमें विशाखापत्तनम के सभी जहाजों, पनडुब्बियों और प्रतिष्ठानों के सभी फ्लैग ऑफिसर, कमांडिंग ऑफिसर शामिल थे। समारोह के दौरान कोविड से संबंधित सभी मानदंडों और प्रोटोकॉल का पालन किया गया।

परेड के दौरान नौसेना अलंकरण समारोह भी आयोजित किया गया। वाइस एडमिरल दासगुप्ता ने नवीन कुमार लीडिंग सीमैन (यूडब्ल्यू) को अदम्य साहस, विशिष्ट वीरता और कर्तव्य की पुकार से आगे बढ़कर बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए नौ सेना पदक (वीरता) प्रदान किया, जिसके परिणामस्वरूप कश्मीर में दो कट्टर आतंकवादियों का सफाया हुआ।

कमांडिंग इन चीफ ने उनतीस वर्षों से अधिक समय तक नौसेना में समग्र योगदान के लिए कमोडोर राहुल विलास गोखले को नौ सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) भी प्रदान किया। लेफ्टिनेंट कमांडर तुषार बहल (सेवानिवृत्त) को एम्बेडेड प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयुक्त अनुसंधान के लिए लेफ्टिनेंट वीके जैन मेमोरियल अवार्ड प्रदान किया गया और एसएवीएल हरानंद पीओए (एएच) को नौसेना वायु संचालन में उड़ान सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कैप्टन रवि धीर मेमोरियल गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। कमांडिंग इन चीफ ने नेवल डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम और आईएनएस जलाश्व को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2020 के लिए यूनिट प्रशस्ति भी प्रदान किए।

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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