बांस और रिंगाल से बना रहे ज्वेलरी
बांस और रिंगाल से ज्वेलरी भी बनती है। खजूर के पत्तों से झुमके बनाए गए।आगाज फेडरेशन चमोली जिले के पीपलकोटी और गरुड़ गंगा पाखी में आयोजित 15-15 दिन की कार्यशाला में बांस और रिंगाल से ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है। आगाज ने ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हिमालयन इंस्टीट्यूट फार स्किल डेवलपमेंट, क्राफ्ट, डिजाइन एंड लाइवलीहुड की स्थापना की है।
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संस्था उत्तराखंड वन विकास निगम के सहयोग से 5 अक्तूबर से 19 अक्तूबर तक पीपलकोटी स्थित बायो टूरिज्म पार्क तथा 7 अक्तूबर से 22 अक्तूबर तक गरुड़ गंगा पाखी में बांस और रिंगाल से ज्वेलरी बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण दे रही है। ज्वेलरी डिजाइनर नीरा शर्मा की देखरेख मास्टर ट्रेनर सरस्वती और रोहिमा प्रशिक्षण दे रहे हैं। महिलाओं को खजूर के पत्तों से झुमके बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान बलविन्दर सिंह भी उपस्थित रहे।
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