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Environment Protection : सिर्फ ये पांच काम आज से ही शुरू कर लीजिए

पर्यावरण के लिए हर कोई कुछ अलग कर सकता है

अक्सर पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के साथ ही, लोगों को जागरूक बनाने की बड़ी मुहिम चलाई जाती रही हैं। नदियों को स्वच्छ रखने, आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने की बात की जाती है। यह जरूरी भी है, क्योंकि हमारा जीवन पर्यावरण पर निर्भर है, जब पर्यावरण बचेगा, तभी हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा। पर्यावरण सुरक्षा के लिए हम व्यक्तिगत स्तर पर छोटी छोटी पहल कर सकते हैं। अगर, आप ये पांच काम भी कर लेंगे, तब भी पर्यावरण सुरक्षा में आपका योगदान बहुत महत्वपूर्ण होगा।

सोच क्या रहे हैं, अभी से शुरू कर दीजिए ये पांच पहल…

1: पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ जीवनशैली अपनाएं

प्रत्येक किलोग्राम कपड़े के उत्पादन में लगभग 17 किलोग्राम CO2 (कार्बन डाइ ऑक्साइड) उत्पन्न होती है। हम क्या खाते हैं और कैसे खाते हैं, इसके प्रति सचेत रहने से हमारे पर्यावरण को बचाने में काफी मदद मिल सकती है। 4 आर (reduce, reuse, repair and recycle) यानी कम करना, पुन: उपयोग करना, मरम्मत करना और पुनर्चक्रण करना, हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण काम हैं।

इसलिए, कार्बन फुट प्रिंट तथा अपशिष्ट को कम करने के लिए कम से कम नए कपड़े खरीदने से ही शुरुआत करें।

2: एकल उपयोग प्लास्टिक को ना कहें

प्लास्टिक सबसे बड़ा, सबसे हानिकारक और सबसे मजबूत प्रदूषक है। अब समय आ गया है कि हम नए पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाएं- जैसे कपड़े का थैला ले जाना, सामाजिक समारोहों के लिए पर्यावरण-अनुकूल कटलरी का उपयोग करना और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को न कहना। अपने पूरे जीवन को रातोंरात पर्यावरण-अनुकूल बनाने की कोशिश करने के बजाय एक भी बदलाव करने का प्रयास करें।

3: पानी बचाएं

क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी पर मौजूद समस्त जल में से 99 प्रतिशत से अधिक जल मनुष्यों और कई अन्य जीवित प्राणियों के लिए अनुपयोगी है? पानी बचाना हमारे जीवनकाल की सबसे बड़ी पुकारों में से एक है। इसलिए यह सुनिश्चित करने से शुरुआत करें कि जब आप अपने दाँत ब्रश कर रहे हों, शेविंग कर रहे हों या साबुन का उपयोग कर रहे हों तो हमेशा नल बंद कर दें।

4: ऊर्जा बचाएं

बिजली की खपत के प्रति सचेत रहना और ऊर्जा उत्पादों की मांग को कम करना तथा जीवाश्म ईंधन संसाधनों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। ऊर्जा आधारित उपकरण को छोड़ने की कोशिश करें। कम दूरी तक साइकिल चलाने और पैदल चलने का विकल्प चुनने से काफी फर्क पड़ सकता है।

5: कचरे को अलग करें

गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में डालना होगा । जब कचरे को अलग किया जाता है और रिसाइकिल किया जाता है, तो यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करता है।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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