careercurrent AffairseducationFeaturedResearchScience

विज्ञान में करिअर बनाना चाहते हैं, तो कीजिए केवीपीआई फेलोशिप 2021 के लिए आवेदन

इंडिया साइंस वायर

नई दिल्ली। भारत सरकार की ‘किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ (केवीपीवाई) फेलोशिप के अंतर्गत वर्ष 2021 के लिए छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। विज्ञान विषयों में ग्यारहवीं, बारहवीं और स्नातक कर रहे छात्र, जो वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं, 25 अगस्त 2021 तक इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलूरू के माध्यम से भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग से संचालित केवीपीवाई योजना के अंतर्गत बेसिक साइंस के विभिन्न क्षेत्रों में शोध करियर को बढ़ावा देने के लिए 5000 से 7000 रुपये प्रतिमाह फेलोशिप प्रदान की जाती है।

इसके अलावा, छात्रों को वार्षिक आकस्मिक अनुदान भी दिया जाता है। इस वर्ष 12 जुलाई को योजना के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं।

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना मूलभूत विज्ञान के छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे वैज्ञानिक शोध को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें।

केवीपीवाई विज्ञान के क्षेत्र में फेलोशिप प्रदान करने के लिए शुरू किया गया एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत वर्ष 1999 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने की थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिए उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रतिभा का विकास सुनिश्चित करना है।

केवीपीवाई फेलोशिप 2021 के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन 07 नवंबर 2021 को किया जाएगा। कम्प्यूटर आधारित एप्टिट्यूट टेस्ट को अंग्रेजी एवं हिंदी में दिया जा सकता है।

केवीपीवाई-2021 नोटिफिकेशन के अनुसार किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना फेलोशिप अवार्ड तीन स्ट्रीम में दिया जाना है, जिसमें स्ट्रीम एसए, स्ट्रीम एसएक्स और स्ट्रीम एसबी शामिल हैं।

इन तीनों ही स्ट्रीम के लिए योग्यता सम्बन्धित शर्तें अलग-अलग हैं, जिसके बारे में विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर मिल सकती है।

मान्यता प्राप्त बोर्ड से संबद्ध विद्यालय में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान साइंस स्ट्रीम से 11वीं कक्षा में नामांकन करा चुके छात्र-छात्राएं स्ट्रीम एसए में केवीपीवाई फेलोशिप 2021 के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इन छात्र-छात्राओं को 12वीं में 60 फीसदी अंक लाने होंगे और इसके बाद शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बेसिक साइंस ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लेना होगा।

स्ट्रीम एसएक्स के अंतर्गत किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से संबद्ध विद्यालय में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान साइंस स्ट्रीम से 12वीं कक्षा में नामांकन करा चुके छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इन छात्र-छात्राओं को 12वीं में 60 फीसदी अंक लाने होंगे। इसके बाद उन्हें शैक्षणिक सत्र 2022-23 में बेसिक साइंस ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लेना होगा।

इसी तरह, किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या अन्य उच्च शिक्षा संस्थान में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान बेसिक साइंस ग्रेजुएशन के पहले वर्ष में नामांकन करा चुके छात्र-छात्राएं स्ट्रीम एसबी के अंतर्गत केवीपीवाई फेलोशिप-2021 के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इन छात्र-छात्राओं को पहले वर्ष में न्यूनतम 60 फीसदी अंक लाने होंगे।

केवीपीवाई-2021 के बारे में विस्तृत जानकारी इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर मिल सकती है। सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए आवेदन फीस 1250 रुपये तथा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों लिए आवेदन फीस 650 रुपये है।- India Science Wire

 

  Keywords:-  किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना’ (केवीपीवाई) फेलोशिप, The Kishore Vaigyanik Protsahan Yojana (KVPY), National Program of Fellowship,Department of Science and Technology, Government of India, Research career in science

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button