Featuredimprovement yourself

लोमड़ी का बहाना और भेड़िये की आफत

किसी जमाने की बात है एक व्यक्ति बैलगाड़ी लेकर जा रहा था, उसमें बहुत सारी मछलियां थीं। तभी एक लोमड़ी वहां से गुजर रही थी। लोमड़ी ने मछलियों से भरी हुई बैलगाड़ी देखी तो उसके मुंह में पानी आ गया। लोमड़ी तेजी से दौड़ती हुई बैलगाड़ी से आगे आई और सड़क पर इस तरह बहाना बनाकर लेट गई कि मानो मृत हो गई हो।

बैलगाड़ी चालक ने लोमड़ी को मरा हुआ जानकर सोचा कि इसकी खाल को बेचकर पैसे कमा लूंगा। उसने लोमड़ी को उठाकर बैलगाड़ी पर पटक दिया। लोमड़ी तो किसी तरह बैलगाड़ी पर बैठना चाहती थी। उसकी इच्छा पूरी हो गई। वह खुशी खुशी बैलगाड़ी में पड़ी हुई मछलियों को खाने लगी। उसने पेट भरकर मछलियां खाईं और जब इच्छा भर गई तो बैलगाड़ी से कूदकर भागने लगी।

एक भेड़िये ने उसे बैलगाड़ी से कूदते देख लिया। भेड़िये ने उससे पूछा कि तुमने किस तरकीब से यह कमाल किया। लोमड़ी ने उसे पूरा किस्सा सुना दिया। भेड़िये ने कहा, अच्छा तो यह बात है। वह तुरंत दौड़ता हुआ बैलगाड़ी से आगे पहुंचा और सड़क पर इस तरह बहाना बनाकर लेट गया, मानो मृत हो गया है।

बैलगाड़ी चालक ने सोचा, एक और जानवर मृत पड़ा है, चलो इसकी खाल भी बेच दूंगा। वह बैलगाड़ी से नीचे उतरा और भेड़िये को उठाने का प्रयास किया।काफी प्रयास के बाद भी वह भारी भेड़िये को नहीं उठा पाया। उसने बड़ा सा बोरा निकाला और उसमें भेड़िये को डाल दिया। उसने इस बोरे को रस्सी से कसकर बांध दिया और फिर बैलगाड़ी से घसीटते हुए आगे बढ़ गया।                                (एसोप की कथाओं से साभार)

moti

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button