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कोरोना संक्रमण से रिकवरी के मामले में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में

  • मुख्य सचिव ने प्रदेश में कोविड-19 का अपडेट और लाॅकडाउन में विकसित अवस्थापनाओं के बारे में बताया 
  • उत्तराखंड में डबलिंग रेट लगभग 40 दिन, रिकवरी दर 65 प्रतिशत है

देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने म॔गलवार को मीडिया ब्रींफिग करते हुए प्रदेश में कोविड-19 का अपडेट, लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में कोविड-19 के मद्देनजर विकसित स्वास्थ्य अवस्थापना सुविधाओं, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत दूसरे राज्यों से लाए गए उत्तराखंड के लोगों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक 61 कोराना पाॅजिटिव केस रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें से 39 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। इस प्रकार वर्तमान में एक्टिव केस 21 हैं। उत्तराखंड में डबलिंग रेट लगभग 40 दिन है। प्रदेश में रिकवरी दर 65 प्रतिशत है। इस हिसाब से उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में है।

कोराना संक्रमण शुरू होने के बाद प्रदेश में चार टेस्टिंग लैब शुरू 

मुख्य सचिव के अनुसार, मार्च में उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। अब राज्य में 4 टेस्टिंग लैब हैं। प्रतिदिन टेस्टिंग क्षमता करीब 500 है। मुख्य सचिव ने बताया कि इमरजेंसी सेवा 108 का रेस्पांस टाइम, ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक वर्ष में 32 मिनट से घटकर 27 मिनट और शहरी क्षेत्रों में 25 मिनट से घटकर 15 मिनट हो गया है। हमारी 108 सेवा में सुधार हुआ है।

अस्पतालों में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर व बाईपेप की संख्या में वृद्धि

उन्होंने बताया कि मुख्यमंंत्री के प्रयास से बहुत से सरकारी अस्पतालों व जिला अस्पतालों में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर व ऑक्सीजन सप्लाई के लिए जरूरी बाईपेप मशीन की सुविधा शुरू की गई है। इनमें मेला अस्पताल, हरिद्वार में 10 आईसीयू बेड, तीन वेंटिलेटर व चार बाईपेप, कम्बाइंड अस्पताल रुड़की में 10 आईसीयू बेड, 01 वेंटिलेटर, 02 बाईपेप, बीडी पांडे अस्पताल,नैनीताल में चार आईसीयू बेड, एक वेंटिलेटर, एक बाईपेप, माधव आश्रम अस्पताल, रुद्रप्रयाग में 06 आईसीयू बेड, 04 वेंटिलेटर, 02 बाईपेप, जिला अस्पताल, चमोली में 06 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर, 05 बाईपेप, जिला अस्पताल चम्पावत में 06 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर, 02 बाईपेप, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ में 06 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर 01 बाईपेप, जिला अस्पताल पौड़ी में 04 आईसीयू बेड, 01 वेंटिलेटर, 01 बाईपेप, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में 10 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर, 01 बाईपेप, और दून मेडिकल काॅलेज में 30 आईसीयू बेड जोड़े गए हैं।

लाॅकडाउन-3 में आम जन पहले की तरह ही धैर्य व संयम का परिचय दें

मुख्य सचिव ने कहा कि लाॅक डाउन के सख्ती से पालन करने से हम प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सफल रहे। इस दौरान हमने प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में अवस्थापनात्मक सुविधाएं भी विकसित कीं। लाॅकडाउन के दो चरणों में आमजन का काफी सहयोग रहा है। लाॅकडाउन 3 में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप कई प्रकार की छूट दी गईं। कुछ स्थानों पर भीड़ दिखाई दी। आमजन से निवेदन है कि ये छूट बनी रहें, इसके लिए जरूरी है कि जो संयम और धैर्य लाॅकडाउन के पहले दो चरणों में बनाए रखा, उसे कायम रखें। दूसरों से आवश्यक डिस्टेंस रखें, अनावश्यक भीड़ न करें। सरकार ये व्यवस्था बनाए रखना चाहती है, लेकिन इसके लिए लोगों को भी सहयोग करना होगा।

4483 उद्योगों को अनुमति, 85 हजार को मिलेगा काम

मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 4483 उद्योगों को अनुमति दी गई है। इनमें लगभग 85 हजार कार्मिक कार्य करेंगे। तमाम तरह की सावधानियां बरतते हुए बहुत से उद्योगों ने काम भी शुरू कर दिया है। पर्वतीय जिलों में भी बहुत से उद्योगों को अनुमति दी गई। कन्टीन्यूस प्रोसेस वाले उद्योगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को पूरा करने की शर्तों के साथ 12-12 घंटे की शिफ्ट की अनुमति दी गई है।

मनरेगा के 7311 काम शुरू, 85231 श्रमिक कर रहे हैं काम

उन्होंने बताया कि  भारत सरकार द्वारा मनरेगा में दी गई शिथिलता का लाभ लेते हुए 7311 कार्य शुरू किए गए हैं। इसमें 85231 श्रमिक काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का काम शुरू हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम तरह की आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं। धीरे-धीरे हम सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं।

आंगनबाड़ी से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छोटे बच्चों को डोर टू स्टेप राशन

मुख्य सचिव के अनुसार, सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में धात्री माताओं, गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों के लिए टेक होम राशन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा घर पर ही पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इनमें 20067 आंगनबाड़ी केंद्रों से 1 लाख 70 हजार गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं और 6 लाख 20 हजार छोटे बच्चों को घर पर ही टेक होम राशन दिया जाएगा।

गेहूं खरीद पर किसानों को 30 करोड़ रुपये का भुगतान

किसानों से गेहूं खरीद का काम भी तेजी से चल रहा है। अभी तक 1 लाख 69 हजार कुंतल गेहूं की खरीद की गई है। किसानों को 48 घंटे के भीतर ही भुगतान किया जा रहा है। अभी तक 30 करोड़ से अधिक धनराशि का भुगतान समयसीमा में किया जा चुका है। आगे भी यह प्रक्रिया चलती रहेगी।

अभी तक 5669 बाहर फंसे लोगों को उत्तराखंड लाया गया

प्रदेश के बाहर रह रहे लगभग 1 लाख 30 हजार प्रवासियों ने उत्तराखंड लौटने के लिए पंजीकरण कराया है। 30 हजार के करीब ऐसे भी लोगों ने पंजीकरण किया है, जो कि दूसरे राज्यों के हैं और उत्तराखंड से अपने राज्य में जाना चाहते हैं। अभी तक उत्तराखंड के बाहर फंसे 5669 लोगों को राज्य में लाया गया है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी।

धैर्य बनाए रखें लोग,सभी राज्यों से किया जा रहा है समन्वय 

सभी राज्यों से समन्वय किया गया है। लोगों से आग्रह है कि धैर्य बनाए रखें, क्योेंकि पूरी प्रक्रिया काफी सावधानी के साथ की जानी है। राज्य के भीतर ही लगभग सात हजार लोगों को अपने जिले में भेजा गया है। ग्राम प्रधानों ने बहुत जिम्मेदारी से काम किया है, इसी का परिणाम है कि हमारे ग्रामीण अंचल कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं। बाहर से आने वाले लोग होम क्वारान्टीन का पूरा पालन करें, इसके लिए ग्राम प्रधानों को डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट में कुछ अधिकार दिए गए हैं।

अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मिलेगा मानकों के अनुरूप मुआवजा

हाल ही में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे चल रहा है। इसमें मानकों के अनुसार प्रभावितों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। हाॅर्टिकल्चर में नुकसान पर भी मानकों के अनुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में सुधार के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित

कृषि, बागवानी, डेरी, मत्स्य आदि संबंधित क्षेत्रों में सुधार के लिए कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक मंत्रीमंडलीय उप समिति गठित की गई है। इसमें महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या, उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डा.धन सिंह रावत, मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण विभाग को सदस्य नामित किया गया है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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