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5000 लोगों को रोजगार और जंगल की गुणवत्ता में सुधार

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वन विभाग को निर्देश दिए कि लैंटेना/ कुरी जैसी प्रजाति को वन क्षेत्र से हटाते हुए स्थानीय प्रजाति के घास/ बांस तथा फलदार पौधों को मिशन मोड पर रोपा जाए। जंगलों की गुणवत्ता बढ़ाई जाए और वन्यजीवों की आवश्यकता के अनुसार वासस्थल विकसित किए जाएं।
प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) उत्तराखंड राजीव भरतरी ने इस संबंध में सभी डीएफ़ओ को निर्देश जारी किए हैं।
प्रमुख वन संरक्षक ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि  लैंटेना / कुरी के वन क्षेत्रों के हजारों एकड़ क्षेत्रफल में फैलाव से स्थानीय घास प्रजातियाँ प्रभावित हुई हैं।
इन क्षेत्रों से लैंटेना /कुरी प्रजाति हटाने संबंधित कार्य योजना तैयार कर घास नर्सरी बनाई जाए। इसके लिए कैम्पा परियोजना से 38 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
प्रमुख वन संरक्षक ने कहा कि इन क्षेत्रों से लैंटेना प्रजाति को हटाकर उसकी जगह स्थानीय घास प्रजाति का रोपण किए जाने से लगभग 5000 हज़ार लोगों को रोज़गार प्रदान होने के साथ-साथ जंगल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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