मदरसू के बच्चे बोले, हम बचाएंगे अपना पर्यावरण
देहरादून। देहरादून जिले के दूरस्थ राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मदरसू ने पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम चलाई है। छात्र-छात्राएं अपने विद्यालय से शुरू इस अभियान को हर घर तक पहुंचाना चाहते हैं। बच्चों ने विकास की दौड़ में पर्यावरण का ध्यान नहीं रखने वालों को चेताया। उनका कहना है कि विकास जरूरी है, लेकिन आबोहवा को नुकसान पहुंचाकर नहीं।
विद्यालय परिसर में विश्व ओजोन दिवस पर प्रधानाचार्य आरपी अग्रवाल ने बच्चों की सभा बुलाई और उनसे जानना चाहा कि वो पर्यावरण में फैल रहे प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए क्या करना चाहते हैं। धरती को विषैली गैसों के प्रभाव से मुक्ति दिलाने के लिए उनका क्या योगदान हो सकता है। ओजोन परत को हो रहे नुकसान और धरती पर विकास की दौड़ को लेकर उनका क्या नजरिया है। ये वो सवाल हैं, जिनका जवाब भावी पीढ़ी से जानना जरूरी है।
छात्रा सलोनी ने ओजोन परत को हो रहे नुकसान और उसके दुष्प्रभावों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम किस ओर जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि विकास के लिए हम उसी शाखा को काटने में जुटे हैं, जिस पर हम बैठे हैं। हमारी जरूरतें बढ़ रही हैं और इसके एवज में हमने उन प्राकृतिक संसाधनों पर अंधाधुंध हमला शुरू कर दिया है, जो हमारे जीवन का आधार हैं।
प्रधानाचार्य आरपी अग्रवाल ने बढ़ते औद्योगिकीकरण, सुख सुविधाओं के संसाधनों में बढ़ोतरी, बढ़ती आबादी, घटती हरियाली, बढ़ते कंक्रीट के जंगलों को ओजोन परत के लिए नुकसानदायक बताया। साथ ही ओजोन परत को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने सभी विद्यार्थियों तथा स्टाफ को पौधे लगाने तथा पर्यावरण प्रदूषण रोकने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि ओजोन परत को बचाने के लिए हमें फोम के गद्दों,प्लास्टिक, रूम फ्रेशनर्स और केमिकल परफ्यूम का बहुत कम इस्तेमाल करना चाहिए। व्याख्याता राजेन्द्र दत्त डोभाल ने कार्बन के अंधाधुंध उत्सर्जन को ओजोन परत के लिए खतरा बताया। मदरसू हाईस्कूल के बच्चे बोले, स्वच्छ रहेंगे- स्वस्थ रहेंगे
उन्होंने कहा कि हमें फ्रिज व एसी का सीमित मात्रा में उपयोग करना चाहिए। व्याख्याता राजीव कुमार ने कहा कि कारखानों, वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण पर्यावरणीय प्रदूषण होता है, जो ओज़ोन परत को पतला करता है, जिससे सूर्य से आने वाला खतरनाक पराबैगनी विकिरण हमें नुकसान पहुंचाता है। जिससे त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। संचालन रमाकांत वर्मा ने किया। इस अवसर पर केपी त्रिपाठी, मंजू कुकरेती, सूरत पंवार, वैभव पोखरियाल , सभी बच्चे उपस्थित रहे।