16 साल की फोटोग्राफर एेश्वर्या संभाल रहीं बड़ी जिम्मेदारी
श्रीनगर से पंकज मेंदोली की रिपोर्ट
16 साल की एेश्वर्या के जज्बे को सलाम। श्रीनगर के एक स्कूल में पढ़ने वाली एेश्वर्या मां धारी देवी के मंदिर परिसर में फोटोग्राफी करती हैं। छोटी सी उम्र में कंधे पर कैमरा थामने का फैसला उन्होंने परिवार को आर्थिक सहयोग करने के लिए किया है। उनकी यह पहल उनके परिवार को जीने की नई राह तलाशने के लिए हौसला दे रही है। एेश्वर्या के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते इन कदमों को सहयोग चाहिए।
एेश्वर्या उत्तराखंड की उन साहसी बेटियों में से एक है, जो स्कूल की छुट्टियों में फोटोग्राफी करती हैं। एेश्वर्या के पिता नहीं हैं। उन पर अपने चार छोटे भाई बहनों और मां की देखरेख का जिम्मा है। यही वजह है कि वह श्रीनगर से रोजाना दस किलोमीटर दूर मां धारी मंदिर में तड़के ही पहुंच जाती हैं। शाम तक श्रद्धालुओं की फोटोग्राफी में व्यस्त रहती हैं।
एेश्वर्या बताती हैं कि पिता की मृत्यु के बाद उन सहित पांच बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी मां पर आ गई। मां ने उनकी परवरिश के लिए कई जगह नौकरी तलाश की, लेकिन निराशा ही मिली। परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि उन्होंने मंदिर परिसर में फोटोग्राफी के जरिये आजीविका चलाने का फैसला लिया। मां धारी देवी के मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अधिकतर लोग फोटो खिंचाने से मना कर देते हैं, लेकिन कुछ लोग राजी हो जाते हैं। इससे कुछ आय हो जाती है। एेश्वर्या के लिए फोटोग्राफी परिवार की आजीविका चलाने के लिए बड़ी आस है।