देहरादून। newslive24x7
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग (Uttarakhand education department) में अपनी ड्यूटी निभाने में असमर्थ रहने वाले शिक्षकों के साथ ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को ऐसे कार्मिकों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का चयन कर कलस्टर विद्यालयों में समायोजन की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा गया है। विद्यालयों के दुर्गम सुगम श्रेणी कोटिकरण का पुनर्निरीक्षण करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने शासकीय आवास पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभागीय कार्यों में तेजी लाने एवं गुणवत्ता बनाये रखने के लिए अपनी ड्यूटी निभाने में असमर्थ रहने वाले शिक्षकों एवं अधिकारियों- कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए चिन्हित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने बताया कि कई अधिकारी कर्मचारी और शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण अपने कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन सही तरह से नहीं कर पा रहे हैं, जिसका प्रतिकूल प्रभाव विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है। इन्ही तथ्यों के मद्देनजर राज्य सरकार ने इनको अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा, लम्बे समय से गैरहाजिर शिक्षकों के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्यवाही का भी निर्णय बैठक में लिया गया।
डा. रावत ने प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत कलस्टर विद्यालयों के चयन की धीमी गति पर नाराजगी जताई।
इसके अलावा, जिन विद्यालयों को दाननामे के आधार पर भूमि उपलब्ध हुई है, उनकी विभाग के नाम रजिस्ट्री कराने को भी कहा गया।
बैठक में प्रदेशभर के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के दुर्गम सुगम कोटिकरण का पुनर्निरीक्षण करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, एमएम सेमवाल, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा लीलाधर व्यास, प्रभारी निदेशक प्राथमिक शिक्षा रघुनाथ लाल, अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती, पदमेन्द्र सकलानी, अनु सचिव विकास श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य बिंदु:
- अनिवार्य सेवानिवृत्ति: शिक्षा विभाग में अपनी ड्यूटी निभाने में असमर्थ शिक्षकों के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
- कलस्टर विद्यालय: कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को कलस्टर विद्यालयों में समायोजित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
- विद्यालयों का कोटिकरण: विद्यालयों के दुर्गम सुगम श्रेणी कोटिकरण का पुनर्निरीक्षण किया जाएगा।
- मूलभूत सुविधाएं: सभी विद्यालयों में बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर और पुस्तकों जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।