इस “परफेक्ट सोलर सिस्टम” में जीवन तलाशेंगे वैज्ञानिक
एक ही आकार के छह ग्रहों वाला सोलर सिस्टम खोजा वैज्ञानिकों ने
छह ग्रह एक लयबद्ध ताल में अपने केंद्रीय तारे की परिक्रमा करते हैं। केंद्र में स्थित चमकीला तारा हमारे सूर्य से छोटा और ठंडा है। यह छह “सब नेपच्यून” – संभवतः हमारे अपने नेपच्यून के छोटे संस्करण – एक चक्रीय लय में घूम रहे हैं।
शोधकर्ता इस नये परफेक्ट सौर मंडल को लेकर उत्साहित हैं और इससे यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर ग्रहों और सौर मंडल कैसे बने। क्या इस नये परफेक्ट सौर मंडल में जीवन के लिए जरूरी आवश्यकताएं उपलब्ध हैं या नहीं।
यह खोज यह समझाने में मदद कर सकती है कि मिल्की वे आकाशगंगा में सौर मंडल कैसे बने। यह कोमा बेरेनिसेस तारामंडल (constellation Coma Berenices) में 100 प्रकाश वर्ष दूर है। एक प्रकाश वर्ष 5.8 ट्रिलियन मील का होता है।
इनमें दो सबसे बाहरी ग्रह 41 और 54.7 दिनों में एक परिक्रमा पूरी करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक तीन में से चार परिक्रमाएं होती हैं। इस बीच, सबसे भीतरी ग्रह ठीक उसी समय में छह परिक्रमाएं पूरी करता है, जितने समय में सबसे बाहरी ग्रह एक पूरी करता है।
एचडी 110067 के नाम से जाने जाने वाले इस तारे में और भी अधिक ग्रह हो सकते हैं। अब तक पाए गए छह का आकार पृथ्वी से लगभग दो से तीन गुना अधिक है, लेकिन उनका घनत्व हमारे अपने सौर मंडल के गैस वाले बड़े ग्रहों (gas giants )के करीब है। उनकी कक्षाएं नौ से 54 दिनों तक की होती हैं, जो उन्हें शुक्र ग्रह की तरह अपने तारे के अधिक निकट लाती हैं, और उन्हें अत्यधिक गर्म बनाती हैं।