क्या धामी कैबिनेट में इसलिए नहीं मिली हरिद्वार जिले को जगह
कैबिनेट विस्तार में क्या मदन कौशिक या फिर किन्हीं और को मिलेगा अवसर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में सबसे अधिक 11 विधानसभा सीटों वाले हरिद्वार जिले के लिए कोई जगह नहीं है। या यह कहें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के जिले से एक भी विधायक को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया।
अगर, 2002 के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो हरिद्वार जिला से एक विधायक को कैबिनेट में जगह मिलती रही है। कांग्रेस के कार्यकाल में सुरेंद्र राकेश और भाजपा के समय में मदन कौशिक, जबकि पिछली कैबिनेट में स्वामी यतीश्वरानंद कैबिनेट में शामिल रहे।
अध्यात्म एवं धर्म की राजधानी हरिद्वार उत्तराखंड का प्रमुख जिला है, जो राज्य के लिए आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। हरिद्वार भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य दलों के लिए राजनीतिक शक्ति का केंद्र रहा है। राज्य में हरिद्वार जिले में देहरादून जिला (14,87,775 मतदाता) के बाद मतदाताओं की संख्या 14,20,182 दूसरे नंबर पर है। देहरादून जिला से दो, राजपुर रोड और ऋषिकेश के विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया गया है।
हरिद्वार शहर से विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं। पूर्व में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल में कौशिक सबसे पावरफुल मंत्री थे। उनके पास शासकीय प्रवक्ता का भी दायित्व था। पर इस बार न तो कौशिक को और न ही उनके जिले से किसी विधायक को अवसर मिला है।
2021 में तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनते ही कौशिक को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई और उनको कैबिनेट मंत्री पद छोड़ना पड़ा। वहीं बंशीधर भगत को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में 11 में से तीन सीटें ही मिली हैं, जिनमें हरिद्वार शहर के मदन कौशिक, बीएचईएल रानीपुर से आदेश चौहान व रुड़की से प्रदीप बत्रा निर्वाचित हुए। जबकि पूर्व में भाजपा के पास जिले में आठ विधायक थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक अपने जिले में ही भाजपा को बढ़त नहीं दिला सके। यहां से भाजपा ने पहले की अपनी पांच सीटें भी गवां दीं, जिनमें खानपुर, ज्वालापुर, हरिद्वार ग्रामीण, लक्सर, झबरेड़ा शामिल हैं।
हरिद्वार में दो सीटें मंगलौर और लक्सर बसपा तथा खानपुर निर्दलीय प्रत्याशी को हासिल हुई है। जबकि पांच सीटों भगवानपुर, हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर, झबरेड़ा व पिरान कलियर में कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए।
हरिद्वार ग्रामीण में कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद को हार का सामना करना पड़ा। यतीश्वरानंद ने 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हराया था, लेकिन इस बार वो हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत से चुनाव हार गए। उनकी हार का कारण भितरघात एवं खेमेबंदी को बताया जा रहा है, इसको लेकर मतदान के बाद खुलकर तमाम आरोप लगाए गए थे। लक्सर के पूर्व विधायक ने भी मतदान के बाद भितरघात होने का आरोप लगाया था।
हालांकि, माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट के विस्तार में हरिद्वार जिले का प्रतिनिधित्व हो सकता है, पर सवाल यह है कि क्या विस्तार में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक या फिर किन्हीं और विधायक को अवसर मिलेगा। इस सवाल का जवाब तो तभी ही मिलेगा, जब कैबिनेट का विस्तार होगा।