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नेवला की कहानी

एक महिला ने घर में नेवला पाला हुआ था। महिला को नेवले पर बहुत विश्वास था और वह उससे बहुत स्नेह करती थी। एक दिन महिला अपने छह माह के बच्चे को घर में सोता छोड़कर पड़ोस में ही किसी काम से गई थी। जब वह वापस लौटी तो घर के बाहर उसने नेवले को बेहोश पड़ा देखा। उसके मुंह पर रक्त लगा था।

यह नजारा देखकर महिला सदमे में आ गई। उसने मौके के हालात देखते हुए सोचा कि नेवले ने उसके बच्चे को मार दिया है। उसने बदला लेने के लिए पास ही रखा बड़ा पत्थर उठाया और बेहोश पड़े नेवले पर वार कर दिया। पत्थर के वार से नेवला वहीं ढेर हो गया। अब महिला ने तेजी से कमरे में प्रवेश किया तो वहां का दृश्य देखकर उसको राहत तो मिली पर गुस्से में की गई घटना पर उसे बहुत दुख हुआ।

उसका बच्चा बिस्तर पर लेटे हुए खेल रहा था। महिला ने आगे बढ़कर देखा तो वहां फर्श पर रक्त पड़ा था। नजदीक ही एक काला सांप मृत पड़ा था। महिला को समझते देर नहीं लगी कि जिस नेवले को उसने मौत के घाट उतारा है, उसने तो उसके पुत्र की रक्षा करने के लिए सांप को मारा था, इसीलिए उसके मुंह पर रक्त लगा था। महिला को नेवले को मार देने का काफी दुख हुआ। वह पश्चाताप करते हुए कह रही थी कि अगर मैंने गुस्से पर काबू पाकर पहले घटना के बारे में जान लिया होता तो पुत्र की जान बचाने वाले जीव को नहीं मारती। इसलिए किसी भी घटना से दुखी होकर अपना होश खो देने की जरूरत नहीं होती।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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