Featured

स्वामी विवेकानंद जी का जीवन सभी युवाओं के लिए अनुकरणीय

हरिद्वार। स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार की ई संगोष्ठी में मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का जीवन सभी युवाओं के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने जिस प्रकार पाश्चात्य देशों में जाकर भारतीय संस्कृति का संरक्षण व प्रचार प्रसार किया, वह हम सबके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।
स्वामी विवेकानंद जी ने जब अमेरिका जाकर भरी सभा में अपने संबोधन में सभी को भाइयों और बहनों कहकर संबोधित किया तो सारे लोग उनकी वाणी से सम्मोहित हो गए और मंत्रमुग्ध होकर उनका व्याख्यान सुनने लगे। यह शक्ति भारतीय संस्कृति की ही है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था, उसी प्रकार आज  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भारतीय योग और संस्कृति से देश विदेश को परिचित करा रहे हैं। युवाओं को स्वामी जी के जीवन चरित्र से देश प्रेम, नर सेवा- नारायण सेवा का मंत्र सीखना चाहिए।
इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज ने कहा, स्वामी विवेकानंद जी ने, जो राजयोग का मंत्र दिया, वह पूरे विश्व के लिए आज ऊर्जा का स्रोत है। स्वामी जी ने जिस प्रकार वेदांग को भी अपने जीवन में समाहित किया और उसका सरलीकरण कर प्रत्येक मानव को उससे जोड़ा, उसी प्रकार हम सभी को इसी उनका अनुसरण करना चाहिए।
आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश चंद्र चमोला ने भी स्वामी जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी जी का पूरा जीवन संसार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वामी जी भारतीय संस्कृति की पताका को लेकर भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी उसके संवाहक के रूप में कार्य करते रहे। उनके द्वारा जो भी प्रकल्प चलाए गए, वह आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी जी द्वारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को भी अत्यंत महत्व दिया गया और स्वामी जी कहते थे कि जब तक युवा शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त नहीं होगा, तब तक भारत विश्वगुरू नहीं बन पाएगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर त्रिपाठी ने युवाओं से स्वामी जी की तरह ही देश-प्रेम और देश सेवा के लिए संकल्प लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजक सचिव और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा कि स्वामी जी सदैव से ही युवाओं को कहते थे कि ज्ञान स्वयं में विद्यमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
उनका जो सबसे महत्वपूर्ण वाक्य था- उठो और जागो और तब तक मत रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। इस विचार ने युवाओं के बीच क्रांति का काम किया हैं। आज उसी का प्रतिफल है कि हम ऐसे महापुरुष के जीवन से अनंत ऊर्जा आज भी ग्रहण कर पा रहे हैं।
हम सभी को संकल्पित होकर राष्ट्र सेवा और नर सेवा, नारायण सेवा के बीज मंत्र को अपनाना चाहिए और वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ अपना जीवन निर्वहन करना चाहिए।
इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के शोध छात्र अनुपम कोठारी को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर शिक्षा शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. मोहन चंद बलोदी, डॉ. रामरतन खंडेलवाल, डॉ. शैलेन्द्र तिवारी, डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट, डॉ. अरूण मिश्र सहित कई  छात्र-छात्राएं  उपस्थित रहें।

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker