1.8 अरब लोग दूषित स्रोतों का पानी पी रहे
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पर्यावरण मंत्रालय ने विश्व जल दिवस 2017 मनाया
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इस साल के समारोह का केंद्रीय विषय ‘अपशिष्ट जल’ है
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बुधवार को ‘विश्व जल दिवस 2017’ मनाया। हर साल विश्व जलदिवस पर ताजा जल के एक विशिष्ट पहलू पर प्रकाश डाला जाता है। विश्व जल दिवस 2017 की थीम ‘अपशिष्ट जल’ है। मंत्रालय में सचिव अजय नारायण झा ने इस मौके पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। ‘जल है तो कल है’ शीर्षक वाली प्रदर्शनी जल संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की गई। स्कूली बच्चों के एक समूह ने कला प्रदर्शन के जरिए इस बारे में संदेश दिया।
विश्व जल दिवस हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य ताजा जल की अहमियत की ओर ध्यान दिलाना और इसके संसाधनों के सतत प्रबंधन की वकालत करना है। 22 मार्च 1993 को प्रथम विश्व जल दिवस के रूप में मनाया गया था।
वर्तमान में दुनिया में 1.8 अरब लोग पेयजल के लिए दूषित स्रोतों का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से उन्हें हैजा, पेचिस, टाइफाइड और पोलियो होने का खतरा बना रहता है।
जल संरक्षण पर प्रदर्शनी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी), जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने संयुक्त रूप से आयोजित की।