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यूरोलाॅजिकल कैंसरः एम्स 13 जुलाई को जारी करेगा हेल्पलाइन नंबर

एम्स में अब तक हो चुकी हैं यूरोलाॅजिकल कैंसर की सफल रोबोटिक सर्जरी

ऋषिकेश। न्यूज लाइव

एम्स ऋषिकेश के यूरोलाॅजी विभाग (Urology Department AIIMS Rishikesh) ने 500 से अधिक रोबोटिक सर्जरी (Robotic Surgery) कर यूरोलाॅजिकल कैंसर (Urological cancer) के इलाज में विशेष उपलब्धि हासिल की है। ये उपलब्धियां पिछले छह वर्षों के दौरान की हैं। इस तकनीक से मूत्र रोग से संबंधित सैकड़ों रोगी अब तक एम्स से स्वास्थ्य लाभ पा चुके हैं।

रोगियों की सुविधा के लिए विभाग अब अगले सप्ताह एक हेल्प लाइन नम्बर भी जारी करने जा रहा है,ताकि दूरस्थ क्षेत्र के रोगियों को भी सुविधा का लाभ मिल सके।

एम्स ऋषिकेश में यूरोलाॅजी विभाग की स्थापना 21 जून 2017 को हुई थी। विभाग के पास अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीक और रोगी देखभाल के लिए विशेषज्ञ सर्जन डाॅक्टरों की अनुभवी टीम उपलपब्ध है।

यूरोलॉजिकल ऑपरेटिव देखभाल, रोबोटिक व ओपन एंडोस्कोपी तथा न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी की सुविधा वाला यूरोलाॅजी विभाग अभी तक 500 से अधिक लोगों की रोबोटिक सर्जरी कर चुका है।

विभाग के हेड और एम्स के यूरोलाॅजिस्ट डाॅ. अंकुर मित्तल ने बताया कि यूरोलाॅजी विभाग के पास उन्नत रोबोटिक कैंसर उपचार प्रक्रियाओं की लंबी श्रृंखला है। इन सुविधाओं के तहत रोबोट की सहायता से कैंसर ग्रस्त गुर्दे और गुर्दे की नली को हटाना, कैंसर ग्रसित मूत्राशय को हटाना, नया मूत्र मार्ग बनाना, प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के लिए प्रोस्टेट ग्रंथि को हटाना और लिंग तथा अंडकोष के कैंसर आदि के उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि संस्थान के यूरोलाॅजी विभाग में फरवरी 2018 से रोबोटिक माध्यम से रोगियों की उपचार प्रक्रिया शुरू की गयी थी। जनवरी 2021 में अति आधुनिक तकनीक आधारित इलाज की सुविधाओं का विस्तार करते हुए यहां एडवान्स यूरोलाॅजी सेन्टर (Advanced Urology Centre) भी स्थापित किया गया।

डाॅ. मित्तल ने बताया कि एडवान्स यूरोलाॅजी सेन्टर में मूत्र रोगों से संबन्धित विभिन्न जटिल रोगों का निदान करने के अलावा बिना सर्जरी किए अथवा बिना चीरा लगाए गुर्दे की पथरी के इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है।

13 जुलाई को जारी होगा विभाग का हेल्पलाइन नम्बर

यूरोलाॅजी विभाग रोगियों की सुविधा के लिए 13 जुलाई को एक वृहद कार्यक्रम के माध्यम से एक हेल्प लाइन नम्बर जारी करेगा। डाॅ. मित्तल ने बताया कि यूरोलाॅजिकल कैंसर से संबन्धित सामाजिक जागरूकता के लिए आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल मुख्य अतिथि होंगे। संस्थान के मुख्य सभागार में इस कार्यक्रम के दौरान यूरोलाॅजिकल कैंसर पर लिखी गयी पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू होगा।

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया, राोबोटिक सर्जरी के माध्यम से यूरोलाॅजिकल कैंसर से जूझ रहे रोगियों के लिए इलाज की विशेष सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा यूरोलॉजी विभाग के ओपीडी एरिया में स्थापित एडवान्स यूरोलाॅजी सेन्टर भी मूत्र रोगियों के लिए एक समर्पित केन्द्र के रूप में काम कर रहा है। यहां अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक और सर्जिकल की सभी सुविधाएं मौजूद हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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