ElectionFeaturedPoliticsUttarakhand

VIdeo: बगैर मिले मंत्री पद को ठुकराकर क्या चाहते हैं उमेश शर्मा काउ

देहरादून। उत्तराखंड में चल रही राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र में रायपुर सीट से विधायक उमेश शर्मा काउ की अति सक्रियता चर्चा में है। पहले कांग्रेस के दिल्ली दरबार में यशपाल आर्य के साथ और फिर कुछ दिन बाद, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ भाजपा के दिल्ली दरबार में उनकी मौजूदगी, सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक अवसरों के रूप में देखी जा रही है। पर, मंत्री पद लेने से मनाही की खबरों से तो यही सवाल उठता है कि बगैर मिले मंत्री पद को ठुकराकर उमेश शर्मा काउ क्या चाहते हैं?

सबसे पहले बात करते हैं, शनिवार की उस खबर की, जो डिजीटल मीडिया में वायरल हुई, जिसमें बताया गया था कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काउ और कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह एक ही विमान से दिल्ली रवाना हुए हैं।

इससे कयास लगाए जाने लगे कि हरक सिंह और उमेश शर्मा भी यशपाल आर्य की तरह कांग्रेस में वापसी की राह पर हैं। हालांकि बाद में स्पष्ट हुआ कि इन दोनों नेताओं के दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात का कार्यक्रम है। वहीं, कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह भी दिल्ली में किसी कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

इन दोनों नेताओं के कांग्रेस में वापसी के कयास का आधार, पिछले दिनों से लगातार हो रही प्रेशर पॉलिटिक्स है, जो इनके बयानों से जाहिर हो रही थी। वहीं, विधायक उमेश शर्मा काउ की यशपाल आर्य की कांग्रेस ज्वाइनिंग से ठीक पहले कांग्रेस ऑफिस में मौजूदगी और फिर वहां से अचानक वापस चले आने की खबरें हैं।

बाद में, उमेश शर्मा ने इस बात को स्वीकार किया और कहा कि वो वहां यशपाल आर्य से मिलने गए थे।

इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद उमेश शर्मा काउ ने खुद को भाजपा का संकटमोचक बताया और यह जानकारी जहजाहिर कर दी कि किस तरह उन्होंने भाजपा शीर्ष नेतृत्व से समन्वय बनाकर तीन विधायकों को धामी सरकार में शामिल होने के लिए मनाया।

वहीं, दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात के बाद विधायक उमेश शर्मा का एक और बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं करने पर जोर देते हुए कहा कि इतने कम समय में जनता की अपेक्षाएं पूरी नहीं कर पाएंगे। अभी मंत्री बनकर कौन अपने कपड़े फड़वाना चाहेगा।

सवाल, यह उठता है कि विधायक उमेश शर्मा काउ को मंत्री पद का ऑफर किसने दिया। भाजपा के किन वरिष्ठ नेता ने उनको मंत्री बनवाने का वादा किया। क्या यह वादा, उस समय किया गया था, जब काउ कांग्रेस के दिल्ली दरबार में मौजूद थे और फिर अचानक वापस लौट आए, जैसे कि कयास लगाए जा रहे हैं।

उमेश शर्मा की अतिसक्रियता का परिणाम यह रहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में साफ कर दिया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के विभाग बांटे जा चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री अभी कैबिनेट में किसी को जगह देने के पक्ष में नहीं हैं।

अगर, कैबिनेट में किसी को शामिल किया जाना होगा, तो वो दलित विधायक ही होंगे, ऐसा माना जा रहा है। इनमें खजान दास, चंदन राम दास और सुरेश राठौर के नाम लिए जा रहे हैं। मंत्री पद की दौड़ में उमेश शर्मा का नाम नहीं है।

अब देखना यह है कि उमेश शर्मा की अतिसक्रियता का परिणाम उनके पक्ष में आता है या उनके विरोधियों को सक्रिय होने का मौका देता है। रायपुर सीट पर पार्टी में ही विरोध होने की शिकायत स्वयं विधायक काउ ने दिल्ली दरबार में की है।

अगर, उमेश शर्मा काउ की प्रेशर पॉलिटिक्स काम कर गई तो रायपुर सीट पर उनका कद बढ़ जाएगा, नहीं तो वहां विरोधियों को हावी होने का मौका मिल पाएगा। कहीं, ऐसा न हो जाए कि उमेश शर्मा काउ राज्य में अवसरवादिता की मिसाल बन जाएं?

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button