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ऑनलाइन चित्रकला व निबंध प्रतियोगिता में यथार्थ, नव्या, खुशी और कंचन विजेता घोषित

अंतर्राष्ट्रीय कलाकार स्पेन से क्लाउडिया पेरिता क्लॉजो व लिथुआनिया की कलाकार जुलिजा केसिलोविया ने घोषित किए परिणाम

ऋषिकेश। कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन घोषित है और इस समय हमें अपने घरों पर ही रहना चाहिए। घर पर हम कुछ क्रियेटिव कर सकते हैं। क्यों न हम अपनी पृथ्वी, जिनको हम धरती मां कहकर पुकारते हैं, के संरक्षण के लिए ऑनलाइन जागरूकता अभियान चलाएं। दून इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश के राजेश चन्द्र और एक्टिविटी को ऑर्डिनेटर दिव्या पैन्यूली ने ऑनलाइन कला और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया।

इस प्रतियोगिता में अंतर्राष्ट्रीय कलाकार स्पेन से क्लाउडिया पेरिता क्लॉजो व लिथुआनिया की कलाकार जुलिजा  केसिलोविया ने विद्यालय की प्रिंसिपल तनुजा पोखरियाल और वाइस प्रिंसिपल स्वाति पांडेय के साथ मिलकर बच्चों की चित्रकारी की सराहना की और रिजल्ट घोषित किया।

कक्षा छह में यथार्थ उनियाल प्रथम, निमिषा प्रजापति द्वितीय व लक्ष्मण पंवार तृतीय रहे।

 

कक्षा सात में नव्या कंडियाल ने प्रथम, अदिति बिंजोला ने द्वितीय, तन्वी रावत ने तृतीय स्थान हासिल किया।

कक्षा आठ में खुशी राणा प्रथम ,दिव्यांशी भट्ट द्वितीय व सृष्टि कैंतुरा तृतीय घोषित किए गए।

निबन्ध प्रतियोगिता का निर्णय अंजना रतूड़ी व दीपिका त्रिपाठी ने घोषित किया। निबंध में नौवीं कक्षा में कंचन शैली प्रथम ,ऋतिका शर्मा द्वितीय और मोक्ष त्यागी व साक्षी गोदियाल तृतीय स्थान पर रहे।

बच्चों ने अपने अपने घरों से ऑनलाइन जमा कराईं चित्रकारी

सोशल मीडिया के माध्यम से हुई इस प्रतियोगिता में सभी बच्चों ने अपने-अपने घरों से पृथ्वी दिवस को समर्पित चित्रकारी ऑनलाइन जमा की। इस पहल के लिए स्पेन की कलाकार क्लॉडिया ने विद्यालय को बधाई संदेश भेजा और कहा कि सोशल मीडिया का इतना अच्छा इस्तेमाल उन्होंने कभी नही देखा। यह उनके लिए भी एक अनोखा अनुभव था कि तीर्थनगरी के नन्हे कलाकारों की चित्रकारी को उन्हें परखने का मौका मिला।

उन्होंने कहा कि हर एक बच्चा अपने आप मे विजेता है और दुनिया को बच्चों की इस मासूमियत की ही जरूरत है। प्रिंसिपल तनुजा पोखरियाल ने विदेशी निर्णायकों का आभार व्यक्त कर उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया।

वाइस प्रिंसिपल स्वाति पांडेय ने सभी बच्चों को बधाई दी और घर में ही रहकर इस समय का सदुपयोग करने का संदेश दिया। कार्यक्रम को राजेश चन्द्र, दिव्या पैन्यूली, अंजना रतूड़ी, शिखा भंडारी ईशा चौहान अंकिता नौटियाल और दीपिका त्रिपाठी आदि ने मिलकर सफल बनाया ।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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