अस्पतालों में सुरक्षा के लिए जल्द ही एसओपी बनेगीः स्वास्थ्य सचिव
देहरादून। न्यूज लाइव
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा कि अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में सुरक्षा के मद्देनजर सरकार अस्पतालों के लिए एसओपी यानी गाइडलाइन में आवश्यक बदलाव करेगी। जल्द नई एसओपी जारी की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार सुबह रक्षाबंधन के मौके पर दून मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां रेजीडेंट डॉक्टर, नर्सों और महिला कर्मचारियों ने उन्हें राखियां बांधी। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने की कवायद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीजीपी और गृह सचिव को पत्र लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कार्यरत महिला डाक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अस्पतालों में सुरक्षा के लिए जल्द ही एसओपी भी बनाई जाएगी।
महिला डॉक्टरों, नर्स और महिला कर्मचारियों ने अस्पताल में रात्रि पाली में कार्य के दौरान सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। महिला कार्मिकों का कहना है कि अस्पताल में एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी की 24 घंटे तैनाती की जाए, ताकि वो अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें।
इस पर स्वास्थ्य सचिव ने सभी महिला कार्मिकों को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य सचिव ने महिला डॉक्टर या स्टाफ द्वारा सुरक्षा को लेकर उठाए गए विषय पर आश्वस्त किया कि जल्द ही विभाग की तरफ से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेज कर दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने और पुलिस चौकी में महिला सिपाहियों की तैनाती करने की मांग की जाएगी, जिससे वहां पर ड्यूटी कर रहे स्टाफ को सुरक्षा मिल सके।
कोलकाता की डॉक्टर बेटी की निर्मम हत्या के बाद डॉक्टरों में रोष व्याप्त है। प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य सचिव ने मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक, प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य ढंग से चल रही हैं।
इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ आशुतोष सयाना ने कहा कि महिला सुरक्षा के उपाय सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। इस मौके रेजीडेंट डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में कोलकाता की घटना के बाद डर का माहौल था, लेकिन स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बाद यह भय कम हुआ है।