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उत्तराखंड में को-ऑपरेटिव बैंकों के क्लर्क, प्रबंधकों के 164 पदों के लिए रिजल्ट घोषित

69 पदों के लिए तीन माह के भीतर पुनः परीक्षा होगी: सहकारिता मंत्री 

देहरादून। न्यूज लाइव ब्यूरो

बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) के माध्यम से को-ओपरेटिव बैंकों के लिए क्लर्क और प्रबंधकों की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। कुल 233 पदों में से 164 के रिजल्ट घोषित किए गए हैं, शेष 69 रिक्त पदों के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी नहीं मिले हैं। इन पदों के लिए तीन माह के भीतर परीक्षा कराई जाएगी।

उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) के माध्यम से  को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए क्लर्क और प्रबंधकों की परीक्षा में सफल अभ्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा, कोऑपरेटिव बैंकों में दूसरी बार चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और उत्कृष्टता के साथ की गई है।

डॉ रावत ने कहा, 69 पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन माह के भीतर परीक्षा कराई जा जाएगी। इसके लिए उन्होंने रजिस्टार कोऑपरेटिव को निर्देश दिए हैं।

रजिस्टार कोऑपरेटिव आलोक कुमार पांडेय ने बताया, परीक्षा पूरी पारदर्शिता से कराई गई।

आईबीपीएस ने 11 जिला सहकारी बैंकों में कनिष्ठ लिपिक 162 में से 154 पदों पर, कनिष्ठ शाखा प्रबंधक  54 पदों में 10 पद पर , वरिष्ठ शाखा प्रबंधक 9 पदों में 9 पदों पर अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। राज्य सहकारी बैंक में सभी मैनेजर के 2 पद , सहायक प्रबंधक के दो पदों पर  उपयुक्त अभ्यर्थी नहीं मिले हैं।

रजिस्टार कोऑपरेटिव श्री पांडेय ने बताया कि सामान्य श्रेणी व सम्बन्धित उप श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कट ऑफ मेरिट वर्ग वार पूर्णांक का 40 प्रतिशत, आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी व सम्बन्धित उप श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए पूर्णांक का 40 प्रतिशत, अन्य पिछडा वर्ग श्रेणी व सम्बन्धित उप श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए पूर्णांक का 35 प्रतिशत, अनुसूचित जाति श्रेणी व सम्बन्धित उप श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए पूर्णांक का 30 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति श्रेणी व सम्बन्धित उप श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए पूर्णांक का 30 प्रतिशत रहा।

सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने भी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा है कि वह सहकारी बैंकों को नए आयामों में पहुँचाए।

गौरतलब है कि राज्य के 10 डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंकों व एक राज्य सहकारी बैंकों में दूसरी बार सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आईबीपीएस के माध्यम से परीक्षा करा कर इन पदों को भरा है।

सफल अभ्यर्थियों की सूची सहकारिता विभाग की वेबसाइट www.cooperative.uk.gov.in पर दी गई है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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