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उत्तराखंड भू सम्पदा प्राधिकरण में अध्यक्ष और दो सदस्य पदों के लिए आवेदन मांगे

देहरादून। उत्तराखंड भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण में एक अध्यक्ष और दो सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए पूर्व में विज्ञप्ति जारी करने के बाद भी बहुत कम आवेदन मिले। उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर आवेदन मांगे हैं। आवेदन के लिए अंतिम तिथि 12 अगस्त, 2021 निर्धारित की गई है।

सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार, प्राधिकरण में एक अध्यक्ष व तीन सदस्यों के पद सृजित हैं। वर्तमान में अध्यक्ष व दो सदस्यों के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण एक ही सदस्य कार्यरत हैं।

प्राधिकरण में एक अध्यक्ष एवं दो सदस्यों के रिक्त पदों को भरे जाने के लिए पूर्व में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी, लेकिन उक्त अवधि में वैश्विक महामारी कोविड-19 के अत्यधिक प्रकोप के कारण बहुत कम आवेदन पत्र प्राप्त हुए।

इसलिए चयन समिति के निर्णयानुसार पुनः 23.07.2021 को विज्ञप्ति प्रकाशित की गई है। आवेदन के लिए अंतिम तिथि 12.08.2021 निर्धारित की गई है। उक्त पदों के लिए आयु सीमा 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

भूसम्पदा अधिनियम के अनुसार उक्त पदों के लिए ऐसे व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं, जो सुसंगत क्षेत्रों में तकनीकी विशेषज्ञों में से जिनके पास शहरी विकास, आवासन, भू-सम्पदा विकास, अवसंरचना, अर्थव्यवस्था, योजना, विधि, वाणिज्य, लेखा कर्म, उद्योग प्रबन्धन, समाज सेवा, लोक कार्यों एवं प्रशासन में अध्यक्ष पद के लिए कम से कम 20 वर्ष और सदस्यों के लिए कम से कम 15 वर्षों का ज्ञान और वृत्तिक अनुभव हो।

परन्तु ऐसे व्यक्ति / आवेदक जो राज्य सरकार की सेवा में हैं या रहे हैं अध्यक्ष पद के लिए उनके द्वारा केन्द्रीय सरकार में अपर सचिव का पद अथवा केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार में उसके समतुल्य कोई पद धारण किया जाना आवश्यक है।

सदस्य पद के लिए राज्य सरकार में सचिव का पद अथवा राज्य सरकार में या केन्द्रीय सरकार में उसके समतुल्य कोई पद धारण किया जाना आवश्यक है।

Key words:- Uttaraakhand bhoo-sampada niyaamak praadhikaran,Urban development, Real estate development, Industry management. Additional Secretary in the Central Government, Central Government

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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