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धामी की मेहनत को सराहा, एक विधायक उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए, पर पार्टी उनके लिए कर सकती है बड़ा ऐलान

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी भले ही खुद अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन भाजपा की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने पार्टी की सत्ता में वापसी का पूरा श्रेय सीएम धामी को ही दिया है। धामी की इस तरह की सार्वजनिक तारीफ से साफ लग रहा है कि पार्टी की नजरों में उनकी कीमत कम नहीं हुई है।

जोशी के इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दो-चार दिनों में इस तारीफ का मकसद सामने आ जाएगा। एक विधायक कैलाश गहतौड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का ऐलान भी कर दिया है।

खटीमा सीट पर अपना चुनाव कुछ हद तक फंसे होने की जानकारी के बाद सीएम धामी ने पूरे प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार और जनसभाएं कीं। सीएम धामी प्रदेश भाजपा के अकेले ऐसे नेता रहे, जिन्होंने पूरे उत्तराखंड का दौरा किया और भाजपा को वोट देने की अपील की। मतदान के बाद भी धामी भाजपा की बहुमत से सरकार बनाने का लगातार दावा करते रहे। गुरुवार को नतीजा सामने आया तो साफ हुआ कि भाजपा ही सरकार बनाने जा रही है।

अपनी हार की सूचना के बाद भी धामी सक्रिय रहे। भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेस कान्फ्रेंस में भी उन्होंने शिरकत की। इस मौके पर प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने धामी के हार के घाव पर अपने लफ्जों से मरहम लगाई। उन्होंने कहा कि धामी की मेहनत और उनके छह माह के अल्प कार्यकाल की बदौलत ही भाजपा एक मिथक को तोड़ते हुए फिर से सरकार बनाने जा रही है।

सीएम धामी की इस तारीफ के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या इस ताऱीफ में कोई संदेश छुपा है। भाजपा अपनी दम पर सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में उसे बसपा या किसी निर्दलीय विधायक की जरूरत नहीं है। भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निर्णय आसानी से ले सकता है। अब यह आने वाले चंद रोज में ही साफ होगा कि भाजपा ने सीएम धामी के लिए क्या सोचा है।

इधर, चंपावत से चुनाव जीतने वाले विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि चुनाव में जीत धामी की वजह से ही हुई है। उनके विधायक बनने के लिए वे अपनी सीट से इस्तीफा देने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि विधायक का यह बयान भी भाजपा की रणनीति का ही एक हिस्सा है।- साभार न्यूजवैट

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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