
प्राइवेट स्कूलों में आरटीई एडमिशन की रिपोर्ट तलब, एडमिशन नहीं दिए तो एनओसी निरस्त होगी
शिक्षा मंत्री ने कहा, निजी स्कूलों को अनिवार्य रूप से करना होगा आरटीई एक्ट का पालन, सीईओ को निरीक्षण के निर्देश
RTE compliance Uttarakhand: देहरादून, 28 मई 2025: उत्तराखंड में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम का पालन (RTE compliance Uttarakhand) नहीं करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों पर अब ठोस कार्रवाई की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्रों के सभी निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत होने वाले प्रवेशों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशालय को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएँ।
नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों पर गिरेगी गाज
डॉ. रावत ने अपने शासकीय आवास पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुपालन को लेकर एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थानों को निर्धारित मानकों के अनुरूप अनिवार्य रूप से छात्रों को आरटीई के तहत प्रवेश देना होगा। इस जिम्मेदारी के लिए जनपद स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी जवाबदेह होंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि जिन शिक्षण संस्थानों में आरटीई के तहत छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, ऐसे विद्यालयों को नोटिस जारी कर उनकी एनओसी (No Objection Certificate) निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जनपद स्तर पर विभागीय अधिकारियों को सभी निजी शिक्षण संस्थानों की विस्तृत समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता और औचक निरीक्षण
शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से डॉ. रावत ने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को सरकारी और निजी, दोनों तरह के विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्हें स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों, मूलभूत सुविधाओं और शैक्षणिक स्टाफ की स्थिति आदि की रिपोर्ट तैयार करनी होगी। मानकों पर खरे न उतरने वाले विद्यालयों के विरुद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिशें
विभागीय मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से भी समय-समय पर निजी स्कूलों द्वारा आरटीई का पालन न करने की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। आयोग ने कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं, जिन्हें लागू करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। आयोग ने आरटीई का अनुपालन न करने वाले निजी विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की है, जिसके तहत प्रदेशभर में आरटीई के अनुपालन की समीक्षा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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शिकायत निवारण और सुझावों पर चर्चा
बैठक में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने भी विभागीय अधिकारियों के साथ बाल संरक्षण कानून एवं आरटीई अधिनियम को प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों में कड़ाई से लागू करने पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि आरटीई अधिनियम संबंधी शिकायतों के लिए विभाग द्वारा एक पोर्टल तैयार किया जाए, ताकि प्राप्त शिकायतों का नियमित रूप से निस्तारण किया जा सके। इसके अतिरिक्त, सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों में शिकायत एवं सुझाव पेटिका लगाने का सुझाव भी विभागीय अधिकारियों को दिया गया।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा अभिषेक रोहिला, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव डॉ. एस.के. बर्णवाल, अनु सचिव डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक बेसिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, निदेशक माध्यमिक डॉ. मुकुल सती, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरौला, देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।