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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उत्तराखंड में 2100 किमी. की यात्रा करेगा मोर्चा

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा 29 मई से प्रदेशभर में पेंशन प्रकाश यात्रा निकालेगा

देहरादून। पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा प्रदेशभर में पेंशन प्रकाश यात्रा निकालेगा। इस दौरान पुरानी पेंशन योजना बहाली के समर्थन में लगभग दस हजार जनप्रतिनिधियों, वकीलों, पत्रकारों, कर्मचारियों व शिक्षकों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। 29 मई से प्रस्तावित यात्रा राज्यभर में 2100 किमी. की दूरी तय करके सात जून को संपन्न होगी।

राष्ट्रीय_पुरानी_पेंशन_बहाली_संयुक्त_मोर्चा,विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों का मोर्चा है। मोर्चा की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने यात्रा के प्रस्तावित कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, उत्तराखंड इकाई राज्यव्यापी हस्ताक्षर, जनसंपर्क अभियान के तहत राज्य के सभी जिलों में भ्रमण करेगी। पुरानी पेंशन योजना बहाली के समर्थन में राज्य के लगभग दस हजार जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, पत्रकारों , वकीलों , कार्मिकों , शिक्षकों आदि के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सभी राजनैतिक दलों के अध्यक्षों सहित प्रधानमंत्री को दिया जाएगा।

उन्होंने यात्रा के प्रस्तावित कार्यक्रम पर अपने साथियों से सुझाव मांगे हैं, ताकि कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा सके।

राज्य स्तरीय यात्रा का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा तथा समन्वय उत्तराखंड प्रभारी विक्रम सिंह रावत करेंगे। यात्रा, पहले दिन सुबह दस बजे देहरादून में प्रेस वार्ता के बाद शुरू होगी। यात्रा को मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी रावत रवाना करेंगे।

पहले दिन हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर से होते हुए हल्द्वानी पहुंचेंगे। दूसरे दिन खटीमा, लोहाघाट/चम्पावत, पिथौरागढ़, तीसरे दिन धारचूला, डीडीहाट, मुनस्यारी, चौथे दिन  मुनस्यारी से गंगोलीहाट, बागेश्वर ,गरुड़ ,कौसानी ,सोमेश्वर, अल्मोड़ा, पांचवें दिन रानीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया, गैरसैंण, कर्णप्रयाग, छठें दिन  कर्णप्रयाग से गोपेश्वर,ऊखीमठ, सातवें दिन अगस्त्यमुनि, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर ,पौड़ी, नई टिहरी या चंबा, आठवें दिन उत्तरकाशी, बड़कोट,नौवें दिन पुरोला, मोरी, चकराता तथा दसवें दिन विकासनगर, देहरादून पहुंचेंगे। यात्रा के दौरान पत्रकारों से वार्ता एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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