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कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से घबराने की आवश्यकता नहीं

  •  दिल्ली-देहरादून, मुम्बई-देहरादून व पंतनगर-देहरादून के लिए उड़ानें संचालित होंगी, एसओपी जारी की जा चुकी है
  • जो भी इन उड़ानों से आएंगे, उन्हें क्वारान्टाइन रखा जाएगा, होटल में क्वारान्टाइन का भुगतान स्वयं करना होगा
  • राज्य में 4500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां शुरू की गई हैं, छह हजार से अधिक कन्स्ट्रक्शन साइटों पर काम शुरू हुआ है

देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए घबराने की आवश्यकता नहीं है। पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी केस बढ़ रहे हैं। शासन-प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारे यहां बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, आईसीयू आदि आवश्यक संसाधन पर्याप्त मात्रा में हैं।

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। हमारे यहां मृत्यु दर कम है। बस कुछ सावधानियां रखने की आवश्यकता है, जरूरी होने पर ही घर से निकलें, निर्धारित व्यक्तिगत दूरी बनाकर रखें, मास्क का अनिवार्यता से प्रयोग करें, कार्यस्थल पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था हो और क्वारेंटाइन के नियमों का अक्षरशः पालन करें।

उन्होंने बताया कि अभी तक कुल पाॅजिटिव केस 298 आए हैं, इनमें से 56 लोग ठीक होकर जा चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव केस 238 हैं। पिछले कुछ दिनों में संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में एक्टिव केस हैं। सेम्पल के पाॅजिटिव पाए जाने की दर 1.75 प्रतिशत है।

हमारे यहां संक्रमित मामलों में से मृत्यु की दर भी अन्य बहुत से राज्यों की तुलना में कम है। अभी इन कुछ दिनों में पाॅजिटिव केस सामने आए है। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, इनका अगले दस दिनों तक परीक्षण किया जाएगा। अगर इस दौरान इनमें कोई सिम्पटम नहीं पाए जाते हैं और सातवें दिन से 10 दिन तक बुखार नहीं है तो इन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने बताया कि 2 लाख 47 हजार से अधिक लोगों ने उत्तराखंड वापस आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, इनमें से 1 लाख 54 हजार से अधिक लोगों को विभिन्न माध्यमों से वापस लाया जा चुका है। अगले कुछ दिनों में गुजरात, तेलंगाना, पुणे, दिल्ली, जयपुर से ट्रेन से प्रवासी लोगों को लाने की योजना तैयार की जा रही है। त्रिवेन्द्रम से एक स्पेशल ट्रेन हरिद्वार आएगी। चेन्नई से भी ट्रेन की व्यवस्था की जा रही है। जयपुर से काठगोदाम भी प्रस्तावित है। उत्तराखंड के 200 व्यक्ति 24 देशों से भारत वापस आ चुके है। इनमें से तीन क्वारान्टाइन अवधि को पूरा कर चुके है। जबकि शेष अभी क्वारान्टाइन में हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि घरेलू उड़ानें भी शुरू होने जा रही हैं। दिल्ली-देहरादून, मुम्बई-देहरादून व पंतनगर-देहरादून के लिए उड़ानें संचालित होंगी। इसके लिए एसओपी जारी की जा चुकी है। पूरी सावधानी से सारी व्यवस्थाएं रखी जाएंगी,जो भी इन उड़ानों से आएंगे, उन्हें क्वारान्टाइन रखा जाएगा। होटल में क्वारान्टाइन का भुगतान स्वयं करना होगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि बहुत सारे उद्योग व व्यवसाय चालू हो गए हैं। इनके संचालन के लिए कई बार तकनीकी विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। ऐसे लोगों को अल्प समय के लिए अनुमति दी जाएगी। वे एक निर्धारित स्थान पर रुकेंगे। वहां से कार्यस्थल पर जाएंगे और फिर वापस चले जाएंगे। इसमें उनकी जिम्मेवारी सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि बाहर से आए लोगों को क्वारान्टाइन का पालन करना है। इसका उल्लंघन करने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी गई है। उन्होंने वापस लौटे प्रवासी लोगों से अपील की कि धैर्य और संयम बनाए रखें। क्वारान्टाइन का उल्लंघन न करें, स्वयं भी सुरक्षित रहें और अपने परिवार और समाज को भी सुरक्षित रखें।

मुख्य सचिव ने कहा कि दूसरे राज्यों से उत्तराखंड के प्रवासी लोगों को वापस लाने में सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। निर्धारित नियमों के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। आने वाले व्यक्तियों की सूचना, जिला प्रशासन और ग्राम स्तर तक तैनात कार्मिकों को भी दी जा रही है। इसके अलावा वापस आए लोगों से फोन पर भी कंट्रोल रूम द्वारा निरंतर सम्पर्क रखा जाता है। प्रत्येक जिले में रेस्पॉंस टीमों का गठन किया गया है जो कि लगातार फील्ड में जाकर क्वारान्टाइन किए गए लोगों पर नजर रखते हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 4500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां शुरू की गई हैं। छह हजार से अधिक कन्स्ट्रक्शन साइटों पर काम शुरू हुआ है। आर्थिक गतिविधियां प्रारम्भ हुई हैं। मनरेगा में 2 लाख 20 हजार से अधिक लोगों को काम मिला है। 8 हजार नए लोगों ने मनरेगा में पंजीकरण कराया है। इनमें से 5 हजार से अधिक लोगों को काम मिल चुका है।

मुख्य सचिव ने बताया कि दिसम्बर में आस्ट्रेलिया से 240 मेरिनो भेड़ें मंगाई गई थीं। इन्हें टिहरी में रखा गया था। इन भेड़ों की ऊन की कटाई की गई है। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी की ऊन मिली है। भेड़ से सामान्यतः 1.5 से 2 किग्रा ऊन मिलती है। इन मेरिनों भेड़ से 5 से 6 किग्रा ऊन प्रति भेड़ प्राप्त हुई है। अब इनके माध्यम से भेड़ नस्ल सुधार का काम किया जाएगा। प्रदेश के भेड़पालकों को इससे बहुत लाभ होगा।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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