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राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना, तेलंगाना के निजामाबाद में बना मुख्यालय

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का शुभारंभ किया

बोर्ड ‘गोल्डन स्पाइस’ किसानों के कल्याण पर विशेष ध्यान दे, अच्छी किस्में विकसित करे और इसके निर्यात पर ध्यान केंद्रित करे: गोयल

आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में हल्दी की उत्पादकता बढ़ाने की अपार संभावनाएं: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

नई दिल्ली। 14 जनवरी, 2025

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का शुभारंभ किया। गोयल ने पल्ले गंगा रेड्डी को बोर्ड का पहला अध्यक्ष घोषित किया। बोर्ड का मुख्यालय तेलंगाना (Telangana) के निजामाबाद में स्थापित किया गया है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का शुभारंभ देशभर में शुभ दिन पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। निर्यातकों और उत्पादक निकायों के प्रतिनिधियों को भी बोर्ड में शामिल किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि हल्दी को ‘गोल्डन स्पाइस’ के रूप में भी जाना जाता है और नवगठित बोर्ड महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मेघालय सहित अन्‍य 20 राज्यों के हल्दी किसानों के कल्याण पर विशेष ध्यान देगा। उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में हल्दी का उत्पादन बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं और हल्दी बोर्ड के गठन से देश के हल्दी उत्पादकों की आय में बढोतरी होगी।

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि नवगठित बोर्ड नए हल्दी उत्पादों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा और विदेशों में विपणन के लिए हल्दी से संबंधित उत्पादों के गुणवत्‍ता संवर्धन पर गौर करेगा।

उन्होंने कहा कि बोर्ड हल्दी के आवश्यक और चिकित्सीय गुणों के बारे में जागरूकता, इसकी उपज बढ़ाने और नए बाजारों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए माल संग्रहण और आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के उपायों पर गौर करेगा। गोयल ने उल्‍लेख किया कि बोर्ड हल्दी उत्पादन और निर्यात की गुणवत्ता और संरक्षा मानकों को भी सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष, 2023-24 में भारत में 3 लाख पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई हल्दी की खेती में 10 लाख 74 हजार टन हल्‍दी का उत्पादन हुआ। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्‍तर पर हल्दी उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 70% से अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में हल्दी की 30 किस्में पैदा होती हैं। हल्‍दी बोर्ड के गठन के अवसर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार और निजामाबाद के सांसद अरविंद धर्मपुरी भी उपस्थित थे।

बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा, आयुष मंत्रालय, औषधि‍ विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग और वाणिज्य विभाग के प्रतिनिधियों को भी नामित किया गया है।

हल्दी उत्पादन में शीर्ष राज्य

हल्दी के उत्‍पादन वाले दो शीर्ष राज्यों महाराष्ट्र और तेलंगाना तथा लकाडोंग हल्दी के लिए प्रसिद्ध मेघालय के प्रतिनिधि भी बोर्ड में शामिल होंगे।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्देश्य

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी क्षेत्र के समग्र विकास और वृद्धि पर ध्यान देगा।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड नेतृत्‍व प्रदान करते हुए हल्‍दी उत्‍पादन से संबंधित प्रयासों को बढ़ाएगा, हल्दी क्षेत्र से संबंधित मामलों में अन्य सरकारी विभागों/एजेंसियों के साथ समन्वय करेगा और देश में हल्दी क्षेत्र की वृद्धि और विकास की सुविधा प्रदान करेगा।

यह विशेष रूप से हल्दी के स्वास्थ्य और औषधीय लाभों को ध्यान में रखते हुए हल्दी और इसके उत्पादों के व्यापार बढ़ाने के लिए मौजूदा व्‍यापक क्षमता के इस्‍तेमाल के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायक होगा।

हल्दी का निर्यात और विश्व व्यापार में हिस्सेदारी

भारत विश्‍व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है और विश्व व्यापार में उसकी 62 प्रतिशत से अधिक हिस्‍सेदारी है। देश में 2023-24 के दौरान 226 दशमलव पांच मिलियन डॉलर मूल्य के 1 लाख 62 हजार टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया। – पीआईबी

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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