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AIIMS Rishikesh ने ड्रोन से हरिद्वार जिला कारागार में पहुंचाई दवा

हरिद्वार जिला कारागार से वापसी में कुछ कैदियों के ब्लड सैंपल लेकर लौटा

ऋषिकेश। 15 जनवरी, 2025

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से बुधवार को हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित जेल परिसर में हेपेटाइटिस की दवा पहुंचाने में सफलता हासिल की। वापसी में ड्रोन कुछ कैदियों के ब्लड सैंपल लेकर एम्स लौटा।

एम्स ऋषिकेश की ड्रोन मेडिकल सेवा नियमित स्तर पर राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों तक दवा पहुंचाने का कार्य कर रही है। संस्थान ने ड्रोन तकनीक आधारित इस मेडिकल सेवा का दो साल पहले 16 फरवरी 2023 को पहला सफल ट्रायल किया था।

उस दौरान पहली बार एम्स ने टिहरी के जिला चिकित्सालय में ड्रोन के माध्यम से टी.बी. की दवा पहुंचाई थी। इसी क्रम में संस्थान ने बुधवार को हरिद्वार जेल में कुछ कैदियों के लिए हेपेटाइटिस सी की दवा पहुंचाई।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने ड्रोन को सुबह 11 बजे एम्स के हैलीपेड से हरिद्वार के लिए रवाना किया। करीब 28 मिनट बाद ड्रोन हरिद्वार के रोशनाबाद में स्थित जेल परिसर में पहुंचा। जहां जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य और फार्मेसिस्टों ने दवाइयां प्राप्त कीं और वापसी में ड्रोन कुछ कैदियों के सैंपल भी लेकर आया है, जिन्हें जांच के लिए AIIMS की VRDL लैबोरेटरी भेजा गया है।

इस अवसर पर डा. अजीत भदौरिया ने कहा कि भारत में हेपेटाइटिस सी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे अनुमानित 6-10 मिलियन लोग प्रभावित हैं और इसकी राष्ट्रीय प्रसार दर लगभग 1 प्रतिशत है।

इस सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ को कम करने के लिए, भारत सरकार ने जुलाई 2018 में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (NVHCP) शुरू किया और हम ड्रोन के माध्यम से हेपेटाइटिस सी की दवाएं एवं सैंपल्स ट्रांसपोर्टेशन में उपयोग कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वायरल हेपेटाइटिस के लिए व्यापक सेवाएं, जैसे कि जांच और उपचार, प्रदान करना है।

इस अवसर पर डा. रोहित गुप्ता, डा. योगेन्द्र प्रताप मथुरिया, ड्रोन सेवाओं के कंसल्टेंट डॉ. जितेन्द्र गैरोला, एसोसिएट कंसल्टेंट डा. हरदीप मनहास, तकनीकी अधिकारी पंकज ठाकुर और टैक ईगल कम्पनी के अधिकारी मौजूद थे।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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