एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान पल्मोनरी विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लंग्स कैंसर के बढ़ते मामलों पर चिन्ता व्यक्त की और कहा कि कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान का परहेज अत्यंत आवश्यक है।
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विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा, धूम्रपान छोड़कर फेफड़ों का कैंसर रोकें

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से दो दिवसीय नेशनल लंग्स कैंसर सम्मेलन

ऋषिकेश: न्यूज लाइव ब्यूरो

एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान पल्मोनरी विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लंग्स कैंसर के बढ़ते मामलों पर चिन्ता व्यक्त की और कहा कि कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान का परहेज अत्यंत आवश्यक है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से दो दिवसीय नेशनल लंग्स कैंसर सम्मेलन में कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि फेफड़ों के कैंसर का सबसे मुख्य कारण धूम्रपान (बीड़ी एवं सिगरेट) को सेवन है।

देश में साल दर साल लंग्स कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कैंसर से बचाव के लिए किसी भी तरह के धूम्रपान का परहेज अत्यंत आवश्यक बताया।

सम्मेलन के दौरान इंडियन सोसाइटी फाॅर स्टडी ऑफ लंग्स कैंसर (आई.एस.एस.एल.सी) के अध्यक्ष डॉ. दिगम्बर बेहरा ने फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण को शीघ्र पता लगाने और समय रहते उपचार शुरू करने की बात कही।

आयोजन समिति के अध्यक्ष व एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी विभाग के हेड प्रोफेसर गिरीश सिंधवानी ने फेफड़ों के कैंसर के निदान और उपचार विषय पर विस्तृत जानकारी दी।

लंग्स कैंसर की ओपीडी हर शुक्रवार को एम्स में

आयोजन समिति के सचिव डॉ. मयंक मिश्रा ने एम्स ऋषिकेश में संचालित लंग्स कैंसर ओपीडी के बारे में बताया कि प्रत्येक शुक्रवार को इस ओपीडी में विशेष तौर से लंग्स कैंसर के मरीजों को देखा जाता है।

लंग्स कैंसर के निदान और इसके इलाज के लिए संस्थान में इंटरवेंशनल ब्रोंकोस्काॅपी सहित सभी प्रकार की आधुनिक तकनीक आधारित उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

धूम्रपान छोड़ने के फायदे

धूम्रपान छोड़ने से:

फेफड़ों का कार्य बेहतर होता है
दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है
कैंसर का खतरा कम होता है
जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है

एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध सुविधाएं

एम्स ऋषिकेश में फेफड़ों के कैंसर के रोगियों के लिए विशेष ओपीडी संचालित की जाती है। यहां मरीजों को इंटरवेंशनल ब्रोंकोस्कोपी सहित सभी आधुनिक उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु

धूम्रपान और फेफड़ों के कैंसर के बीच का संबंध
फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण
फेफड़ों के कैंसर का निदान और उपचार
धूम्रपान छोड़ने के तरीके

सम्मेलन में इन्होंने विचार व्यक्त किए

सम्मेलन को इंडियन सोसाइटी फाॅर स्टडी ऑफ लंग्स कैंसर (एसएसएलसी) की महासचिव डॉ. दिव्या खोसला सहित देशभर के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों से आए पल्मोनोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और न्यूक्लियर मेडिसिन विशेषज्ञों ने लंग्स कैंसर विषय अपने अनुभव और विचारों को साझा किया।

ये रहे उपस्थित

इस दौरान एम्स दिल्ली, एम्स जोधपुर, एम्स रायपुर और पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित एम्स ऋषिकेश पल्मोनरी विभाग की डाॅ. रूचि दुआ, डाॅ. प्रखर शर्मा, डाॅ. लोकेश सैनी सहित कई अन्य मौजूद रहे।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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