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उत्तराखंड में नेशनल गेम्सः खिलाड़ियों को बताया जा रहा, उनके भोजन में कितना कैलोरी, कितना प्रोटीन

अरूणाचल की वुशु टीम की खिलाड़ी ग्यामर कामा का कहना है-खाने में प्रोटीन-कैलोरी की मात्रा डिस्पले करना अच्छा कदम

देहरादून। 31 जनवरी, 2025

38वें राष्ट्रीय खेलों में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज परिसर में खिलाड़ियों के खाने की टेबल पर हर आइटम के सामने उसके नाम के साथ ही कैलोरी-प्रोटीन की जानकारी भी डिस्पले की जा रही है।

जैसे-साग चना, कैलोरी 140 से लेकर 160 ग्राम। प्रोटीन-आठ से दस ग्राम।

यह मात्रा प्रति सौ ग्राम के हिसाब से निर्धारित की गई है।

इसका मकसद एक ही है। खिलाड़ी खाना खाते हुए अपनी फिटनेस का भी ध्यान रखें।

अरूणाचल की वुशु टीम की खिलाड़ी ग्यामर कामा का कहना है-खाने में प्रोटीन-कैलोरी की मात्रा डिस्पले करना अच्छा कदम है।

इन स्थितियों के बीच, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज परिसर मेें खाना बनाने के लिए दो किचन तैयार की गई हैं। ज्यादातर खाना यहीं पर बन रहा है।

परेड ग्राउंड भी यहीं से खाना बनाकर भेजा जा रहा है। वहां पर खेल स्पर्धाएं अलग से आयोजित की जा रही हैं।

खिलाड़ियों को परेड ग्राउंड में भी गरम खाना मिले, इसलिए वहां खेल स्थल पर सेटेलाइट किचन बनाया गया है।

कैटरिंग की व्यवस्था देख रहे अवधेश ढौंडियाल के अनुसार-खिलाड़ियों को निर्धारित डाइट प्लान के अनुरूप ताजा भोजन दिया जा रहा है। इसके अलावा खाने में तेज मसालों का प्रयोग कम से कम किया जा रहा है।

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज और परेड ग्राउंड में खाने के लिए कुल 18 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां पर खिलाड़ियों, स्टाफ, अफसर, मीडिया के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है।

राष्ट्रीय खेलों के दौरान पहाड़ी व्यंजन, मिलेट्स का भी प्रमोशन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इसकी ब्रांडिंग करते रहे हैं। इसे खिलाड़ी पसंद भी कर रहे हैं।

खिलाड़ियों को खाने में झंगोरा राइस, बाड़ी, आलू के गुटके और गहथ, उड़द की मिक्स दाल भी परोसी जा रही है।

उड़ीसा की रग्बी की टीम के खिलाड़ी गणेश का कहना है कि खाने में मिलेट्स भरपूर मात्रा में मिल रहा है। यह अच्छा प्रयास है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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