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मसूरी जीरो प्वाइंट पर बनेगी 500 वाहनों की पार्किंगः सीएम

मसूरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मसूरी में मसूरी विधानसभा क्षेत्र की लगभग 200 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। सीएम ने मसूरी में जीरो प्वांइट पर 500 वाहनों की पार्किंग बनाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने 18.20 करोड़ की लागत के मसूरी टाउन हॉल, किंग्रेग में 31.95 करोड़ की लागत से बनी मल्टी लेवल पार्किंग का लोकार्पण किया। उन्होंने 144.46 करोड़ रुपए की लागत की मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना का शिलान्यास किया और 5.24 करोड़ की लागत से मसूरी के आईडीएच लंढौर में शिफन कोट से स्थानांतरित परिवारों के लिए आवास बनाने के लिए भूमि पूजन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा,  खट्टा पानी सड़क मार्ग का निर्माण किया जाएगा। हंस फाउंडेशन के सहयोग से 34 आवासों का निर्माण किया जा रहा है, नगर पालिका मसूरी से जमीन उपलब्ध होने पर शेष 50 आवासों का निर्माण राज्य सरकार करेगी। मसूरी में यदि नगर पालिका मसूरी से जमीन मिलती है, तो वेंडर जोन बनाया जाएगा। गढ़वाल सभा के भवन के लिए 1.5 करोड़ रुपये की स्वीकृति हो चुकी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मसूरी राज्य निर्माण के आंदोलन की जन्मभूमि रही है। मसूरी और खटीमा दोनों ऐसे स्थान हैं, जहां राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी शहादत दी। सरकार आंदोलनकारियों के सपनों को हक़ीक़त में बदलने की लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, मसूरी में कई वर्षों से पार्किंग की आवश्यकता महसूस हो रही थी, अब पार्किंग के बनने से पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज जिन योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास हुए हैं, वे मसूरी की पर्यटन की गति को और आगे बढ़ाएंगी।

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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