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Dark Villages में Mobile Connectivity के लिए तेजी से काम करेंः CM

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में सुराज व सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मुख्य उपलब्धियों एवं भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन को सरकारी सेवाएं समय से एवं गुणवत्तापूर्वक मिल सकें इसके लिए तेजी से प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए कि सिटीजन सेंट्रिक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर ऑनलाइन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुभागों के निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाए। विभागों एवं अनुभागों से फीडबैक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था भी की जाए। ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्य में पारदर्शिता आएगी और कार्यों की गति भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। ई-ऑफिस, ई-कैबिनेट आदि का कार्य सुचारू रूप से किया जा सके, इसके लिए मंत्रीगणों के स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने डार्क विलेजेज में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ने से युवाओं को आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
बैठक में सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि ई-ऑफिस सिस्टम की दिशा में आईटीडीए, जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय, शहरी विकास एवं वन विभाग के पीसीसीएफ ऑफिस ने 100 प्रतिशत ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर लिया है। बाकी विभाग भी तेजी से ई-ऑफिस पर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सचिवालय में इस संबंध में लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। जिस भी अनुभाग में कोई समस्या आ रही है। 20 मिनट के अन्दर हमारी टीम वहां पहुंच कर उन्हें आवश्यक जानकारी देते हुए उनकी समस्या का निराकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार के तहत 29 विभागों की 268 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है।
इस अवसर पर आईटी मंत्री बंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, एनआईसी के एसआईओ के नारायणन सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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