जाखधार कृषि विज्ञान केंद्र पर किसानों को क्षमता विकास का प्रशिक्षण
आत्मा परियोजना के अंतर्गत रुद्रप्रयाग जिले के तीनों ब्लॉक के सौ से अधिक किसानों ने भाग लिया।
रुद्रप्रयाग। कृषि विज्ञान केंद्र, जाखधार ने जिला स्तरीय कृषक प्रशिक्षण ( क्षमता विकास) के तहत संयुक्त सहकारी समितियों से जुड़े कृषकों को तीन दिन का प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण आत्मा परियोजना के अंतर्गत दिया गया। प्रशिक्षण में रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ, जखोली एवं अगस्त्यमुनि ब्लॉक के विभिन्न गांवों से सौ से अधिक किसानों ने भाग लिया।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, बेमौसमी सब्जी उत्पादन एवं राजमा, चौलाई उत्पादन तकनीकी विषय पर चर्चा की गई।
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अविकल कुमार ने राजमा एवं चौलाई के सफल उत्पादन तथा पर्वतीय क्षेत्रों में फसल चक्र एवं प्रबंधन के महत्व को समझाया। किसानों को प्राकृतिक खेती के अवयवों (जीवामृत, बीजामृत आदि) बनाने की विधि को विस्तारपूर्वक बताया गया।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. अंकित डोंगरियाल ने प्राकृतिक खेती के अंतर्गत बेमौसमी सब्जी उत्पादन के साथ साथ पर्वतीय क्षेत्रों में वरदान सिद्ध हो रही कीवी फल की उत्पादन तकनीकी एवं शीतोष्ण फल बाग प्रबंधन पर जानकारी दी।
डॉ. अंशुल ने फसलों एवं बेमौसमी सब्जी उत्पादन में होने वाली बीमारियों तथा कीट के निदान के लिए जैविक प्रबंधन पर चर्चा की। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में आयअर्जन के लिए मशरूम उत्पादन तकनीकी पर जोर दिया।
कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ डॉ . संगीता ने पशुओं में होने वाले जीवाणु एवं विषाणु जनित रोगों के बारे में जानकारी दी। कुक्कुट पालन के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में उपयुक्त प्रजातियों के विषय में विस्तारपूर्वक बताया गया। इस मौके पर केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ ही, आत्मा योजना से जुड़े उप परियोजना निदेशक नागेंद्र कपरवान, दिग्विजय कुमार, टिकेश्वर रावत, विपिन नेगी आदि उपस्थित रहे।