Doiwala News: इंटरव्यू एक चौकीदार का, जिनका रोजगार छिन गया
Interview of a watchman who lost his job
डोईवाला। डोईवाला बाजार में दस से 15 साल बतौर चौकीदार सेवाएं देने वाले दाताराम इन दिनों खाली बैठे हैं। लगभग 65 साल के दाताराम डोईवाला बाजार से लगभग छह किमी. दूर अपने घर पर हैं। कहते हैं, रातभर इतने बड़े बाजार की पहरेदारी और दिनभर दुकानदारों से मेहनताना इकट्ठा करना, मुश्किल का काम है। बड़ी मेहनत से महीने में छह-साढ़े छह हजार रुपये मिल पाते हैं। इससे भला तो घर पर ही सही हूं।
दाताराम उस समय लगभग 50 साल के थे, जब उन्होंने 2008 में डोईवाला बाजार में सेवाएं शुरू कीं। उस समय दुकानें भी इतनी ज्यादा नहीं थीं। बताते हैं, “दुकानों से 10 से 15 रुपये प्रति माह मिलते थे, यही कोई तीन- साढ़े तीन हजार इकट्ठे हो जाते थे।”
वो डोईवाला व्यापार मंडल का पत्र दिखाते हैं, जिसमें लिखा है, प्रति दुकानदार दाताराम को सौ रुपये प्रतिमाह भुगतान करेंगे। पर, उनको कुछ ज्वैलर्स और दुकानदार ही सौ रुपये देते हैं, सभी नहीं।
पूरे महीने सारा दिन कलेक्शन कर रहा था। इसके बाद रात दस से सुबह पांच बजे तक चौकीदारी करता था, दाता राम बताते हैं। मैंने तो व्यापार मंडल और पुलिस से भी कहा, मुझे एक जगह मेहनताना मिल जाए, दुकानों पर न जाना पड़े।
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