If you have any query regarding urinary tract disease, dial AIIMS helpline number
ऋषिकेश। न्यूज लाइव
एम्स, ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के शनिवार को यूरोलॉजिकल कैंसर (Urological cancer) पर आयोजित क्लोज द केयर गैप कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने यूरोलॉजी विभाग का हेल्पलाइन नंबर 8126542780 जारी किया, जिससे आम व्यक्ति मूत्र रोग से जुड़ी बीमारियों के प्रति जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, मुख्य अतिथि ने विभाग की यूरोलॉजिकल कैंसर पर लिखी पुस्तक आशा और उपचार का विमोचन किया।
कैंसर से जुड़ी बीमारियों के निदान के लिए जागरूकता जरूरी
संस्थान के मुख्य सभागार में यूरोलॉजिकल कैंसर पर आधारित कार्यक्रम का मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में उच्च हिमालयी क्षेत्रों का वातावरण तथा पहाड़ के पानी की वजह से राज्य में मूत्र रोग से संबंधित कैंसर के रोगी ज्यादा हैं और कैंसर से जुड़ी यह बीमारियां आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सम्मुख एक चुनौती के रूप में हैं। इस प्रकार की घातक बीमारियों का निदान तभी संभव होगा जब प्रत्येक व्यक्ति इन बीमारियों के लक्षण व समय पर अस्पताल जाकर उपचार कराने के लिए जागरूक होगा।
नियमित तौर पर कराएं चेकअप
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने लोगों से आह्वान किया कि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और नियमित तौर पर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहें। किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण नजर आने पर शीघ्रता से विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें।
उन्होंने बताया कि मूत्र रोग से संबंधित समस्याओं को बताने में लोग अक्सर संकोच करते हैं, इससे बीमारी और ज्यादा बढ़ती है, लिहाजा हमें बीमारियों को लेकर संकोच को छोड़ना होगा तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव व यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल ने यूरोलॉजिकल कैंसर के लक्षणों, इलाज व सावधानियों को लेकर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि अब तक विभाग में मूत्र रोग से जुड़े 500 से अधिक रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं।
कार्यक्रम में यूरोलॉजिकल कैंसर की बीमारी को मात देकर स्वास्थ हो चुके लोगों ने बीमारी के दौरान व रोबोटिक माध्यम द्वारा सर्जरी होने के बाद मिले स्वास्थ्य लाभ के अनुभव को अन्य लोगों के समक्ष साझा किया। उन्होंने बताया कि यदि हम बीमारी को चिकित्सक को बताने में संकोच करते तो हमारी परेशानियां और बढ़ जाती।
इस अवसर पर दिल्ली एम्स यूरोलॉजी विभाग के हेड डाॅ. अमलेश सेठ व एम्स यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों द्वारा यूरोलॉजिकल कैंसर के बाबत पूछे गए सवालों के जवाब दिए तथा उन्हें बीमारी के लक्षणों के प्रति जागरूक किया। आयोजन में विभाग के चिकित्सक डॉ. विकास पंवार, डॉ. दिलीप कुमार सिंह सहित विभाग के रेजिडेन्ट्स डाॅक्टरों ने सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम में टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया के सचिव डॉ. एस. उमाशंकर, डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, उप निदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित पराशर, प्रो. लतिका मोहन, प्रो. मनोज गुप्ता, प्रो. शैलेंद्र हांडू, प्रो. सोमप्रकाश बासू, डाॅ. रवि गुप्ता, डाॅ. रोहित गुप्ता, डाॅ. अनीषा मिर्जा, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, डॉ. मधुर उनियाल, डाॅ. निधि कैले, डाॅ. दीपक सुन्दरियाल, डाॅ. अमित शेरावत, एसएचआरयू से डाॅ. सुनील सैनी, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह सहित कई अन्य फैकल्टी, अधिकारी, एस.आर., जे.आर. और अन्य स्टाफ मौजूद था।