
Kharif crops awareness: ICAR-IISWC किसानों को खरीफ फसलों की तैयारी पर किया जागरूक
इन टीमों ने लगभग 950 किसानों के साथ सीधा संवाद किया, उन्हें खरीफ फसलों के लिए ज़रूरी सावधानियों और ICAR-IISWC तथा राज्य के संबंधित विभागों से उपलब्ध कराए जा रहे बीज व तकनीकी सहायता के बारे में जागरूक किया।
वैज्ञानिक टीमों ने कृषि परामर्श सेवाओं (एग्री-एडवायजरी) पर विशेष ज़ोर दिया और भारत सरकार व राज्य सरकारों की उन विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जो लघु किसानों, महिला किसानों, युवाओं और कृषि उद्यमियों जैसे कृषि समुदायों के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई हैं।
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चर्चा के मुख्य बिंदु थे (ICAR-IISWC Kharif crops awareness)
- कृषि में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना.
- महिला किसानों की कृषि संबंधी कठिनाइयों को कम करना.
- संस्थागत समर्थन तंत्रों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना.
- पर्वतीय क्षेत्रों में मानसूनी अस्थिरता के अनुरूप लचीली कृषि पद्धतियों को अपनाना.
- बाढ़, जल अपरदन और भूमि क्षरण को कम करने, तथा फसल व पशुधन उत्पादन को सुरक्षित रखने के लिए तकनीकी उपायों को अपनाना.
यह जनसंपर्क कार्यक्रम डॉ. श्रीधर पात्र (प्रधान वैज्ञानिक), इंजीनियर एस.एस. श्रीमाली (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. एम. शंकर (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. इंदु रावत (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. उदय मंडल (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. रमन जीत सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. अनुपम भार (वैज्ञानिक) और उनकी टीमों – जिसमें डॉ. सादिकुल इस्लाम, डॉ. अभिमन्यु झाझरिया, एम.एस. चौहान (सी.टी.ओ.), राकेश कुमार (सी.टी.ओ.), इंजीनियर यू.सी. तिवारी (एस.टी.ओ.), इंजीनियर प्रकाश सिंह (एस.टी.ओ.) एवं सोनू (टी.ए.) शामिल थे, के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
इस दौरान टीमों ने 14 ग्राम पंचायतों को कवर किया, जिनमें इचला, बमराड़, स्माल्टा, लालवाला खालसा और नौकड़ा ग्रांट प्रमुख रहे। महिला और युवा किसानों सहित बड़ी संख्या में किसानों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह सफल रहा।
पूरे 15-दिवसीय अभियान का समन्वय डॉ. बांके बिहारी (प्रधान वैज्ञानिक) कर रहे हैं, जिनका सहयोग डॉ. एम. मुरुगनंदम (प्रधान, वैज्ञानिक), अनिल चौहान (सी.टी.ओ.), इंजीनियर अमित चौहान (ए.सी.टी.ओ.) एवं प्रवीण तोमर (एस.टी.ओ.) द्वारा किया जा रहा है।