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अल्मोड़ा के संकेत देने वाले हरदा क्या पिथौरागढ़ की डीडीहाट से लड़ेंगे चुनाव

कुछ माह पहले कहा था- मोहनरी, अल्मोड़ा व अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र लौटना चाहता हूं

देहरादून। कुछ माह पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अल्मोड़ा जिले की किसी सीट से चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। अब उनके पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है। माना जा रहा है, रावत यहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। हालांकि, रावत कहां से चुनाव लड़ेंगे, यह तो प्रत्याशियों की घोषणा पर ही स्पष्ट होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।पिथौरागढ़ में डीडीहाट के कांग्रेस नेताओं की बैठक में इसको लेकर फैसला लिया गया है। डीडीहाट विधानसभा सीट से सभी कांग्रेस दावेदारों ने हरीश रावत के लिए को प्रत्याशी बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया है। वर्तमान में भाजपा नेता बिशन सिंह चुफाल यहां विधायक हैं। चुफाल यहां पांचवी बार के विधायक हैं।

माना जा रहा है कि हरीश रावत ने डीडीहाट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, हालांकि इससे पहले रावत अल्मोड़ा जिला की किसी सीट से चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे।

उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था, अल्मोड़ा से आते-जाते वक्त मन हमेशा जरा भारी सा हो जाता है, न जाने क्या ऐसा है! अल्मोड़ा ने मुझे बनाया, तो अल्मोड़ा से ही मैं ध्वस्त होकर के गया भी। लेकिन, एक बात हमेशा रही, मैं चुनाव जीता या हारा, प्यार अल्मोड़ा ने केवल मुझसे ही किया और मैं भी कहीं से लौट के आऊं। जैसे कहते हैं “उड़ी जहाज को पंछी, फिर जहाज पे आयो”।

मुझसे कोई पूछे कि कहां लौटना चाहते हो! तो मैं मोहनरी का नाम लूंगा, मैं अल्मोड़ा व अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का नाम लूंगा।

हां, हरिद्वार को जरूर इस कड़ी में मैं कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने मुझको उस समय सहारा दिया, जिस समय मैं पूरी तरीके से बिखर सकता था। इसलिये अब चुनाव जीतूं-हारूं, मगर मैं हरिद्वार के प्रति समर्पित रहता हूंँ।

उन्होंने लिखा था, उत्तराखंडियत और उत्तराखंडियत से जुड़ी हुई भावनाएं समझने के लिए यह मुझ जैसे लोगों की अंतिम पीढ़ी है और वो पीढ़ी धीरे-धीरे कब गुजर जाएगी उस पर गौर करना आवश्यक है, तो आओ एक बार फिर उत्तराखंड, उत्तराखंडियत व अल्मोड़ियत की रक्षा के लिए उठकर के खड़े हों। यहां ये चुनाव 2022 इसी का चुनाव है।

उस समय यह माना जा रहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अल्मोड़ा जिला की किसी सीट पर अपनी दावेदारी कर सकते हैं।

 

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राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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