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Lok Sabha Election 2024: उत्तराखंड में अभी तक नौ नामांकन पत्र दाखिल, हरिद्वार और अल्मोड़ा में तीन-तीन नामांकन

केरल के बाद उत्तराखंड में cVIGIL App के माध्यम से सबसे अधिक शिकायतों का निस्तारण

देहरादून। न्यूज लाइव

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय देहरादून ने शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकार होली मिलन समारोह का आयोजन किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम ने सभी मीडिया प्रतिनिधियों को होली की शुभकामनाएं दीं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया माध्यमों से लोगों को जागरूक करने की अपील भी की।

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने इस दौरान प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड में 05 लोक सभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए अभी तक 09 नामांकन पत्र दाखिल हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि टिहरी लोक सभा सीट के लिए 02, गढ़वाल लोक सभा सीट के लिए 01, अल्मोड़ा और हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए 03-03 नामांकन अभी तक दाखिल हो चुके हैं।

सी विजिल एप के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 6357 शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिन्हें निस्तारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि अब तक केरल के बाद उत्तराखंड में सी विजिल एप के माध्यम से सबसे अधिक शिकायतों का निस्तारण किया गया है।

राज्य के लगभग 60 हजार से अधिक मतदान कार्मिकों के लिए विशेष वेलफेयर ऑफिसर की नियुक्ति की गई है।

प्रत्येक बूथ स्तर पर एक हेल्थ प्लान भी तैयार किया जा रहा है।

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य के 11729 मतदेय स्थलों के लिए 12 हजार से अधिक वाहनों की तैनाती की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए परिवहन विभाग से संबंधित सभी कार्मिकों के लिए डाक मतपत्र की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से एक विशेष पहल की गई है, इसके तहत सभी एआरओ द्वारा संबंधित बीएलओ को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा गया है। बीएलओ द्वारा अपने बूथों के मतदाताओं को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा गया है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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