Uncategorized

भगवान का प्रसाद हमेशा दाएं हाथ पर लीजिए

Prasadसकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है सीधा हाथ 

हिंदू संस्कृति के अनुसार भगवान को भोग के बाद प्रसाद बांटा जाता है। प्रसाद बांटने के बाद ही पूजा संपन्न मानी जाती है। प्रसाद को प्राप्त करने का भी विधिविधान है। प्रसाद दोनों हाथों से ग्रहण करना चाहिए। इसका एक नियम है, जिसके अनुसार प्रसाद ग्रहण करते समय सीधा हाथ हमेशा ऊपर और उसके नीचे उल्टा हाथ रखना चाहिए। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि उल्टे हाथ में प्रसाद लेना शुभ नहीं माना जाता है। अधिकतर लोगों का ध्यान इस नियम पर नहीं जाता। इस तरह के नियमों को लोग हमेशा अंधविश्वास मान लेते हैं।बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका क्या कारण है?

हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि हर शुभ काम, जिससे आप जल्द ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं वह सीधे दाएं हाथ से करना चाहिए।  हर धार्मिक कार्य यज्ञ हो या दान पुण्य सीधे हाथ से किया जाना चाहिए। हवन, यज्ञ में नारायण भगवान को दाएं हाथ से ही आहुति दी जाती है।

हिन्दू शास्त्रों में किसी भी प्रकार के कर्मकांड को करते समय बाएं हाथ का प्रयोग करना वर्जित माना गया है। फिर चाहे भगवान की मूर्ति पर जल चढ़ाना हो, उन्हें भोजन अर्पित करना हो या फिर हवन की अग्नि में सामग्री अर्पित करना हो… इन सबके लिए दाहिने हाथ का ही प्रयोग किया जाता है।

दरअसल, सीधे हाथ को सकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है। हमारी परंपरा के अनुसार प्रसाद को भगवान का आशीर्वाद माना जाता है। यही सोचकर हमारे पूर्वजों ने यह मान्यता बनाई कि प्रसाद सीधे हाथ में ही लेना चाहिए। हनुमान जी की आरती में भी हम लोग गाते हैं।

‘बायें भुजा सब असुर संहारे दाहिने भुजा सब संत जन तारे।’

इसमें दाईं भुजा का उल्लेख किया गया है, जो यह बताने के लिए काफी है कि दाहिनी भुजा से परोपकार और धर्म के कार्यों को उचित माना गया है।

Source: www.hindivarta.com

 

ई बुक के लिए इस विज्ञापन पर क्लिक करें

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker