राज्य पशुधन मिशन में ₹60 करोड़ के निवेश की योजनाः धामी
हरिद्वार में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में कहा, पशुधन हमारे देश की बड़ी ताकत है, जिन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है। आयुर्वेद के प्रयोग से हम पशुधन को भी रोगमुक्त रख सकते हैं।
उन्होंने कहा, भारत वैदिक काल से ही आयुर्वेद से पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान को लागू करने वाला प्रमुख देश रहा है। आयुर्वेद हमारी समृद्ध प्राचीन विरासत का अभिन्न अंग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “पंचप्राण” विकास रणनीति में देश के विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसी समृद्ध प्राचीन विरासत और पारंपरिक ज्ञान को सहेजने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, प्रदेश में आयुर्वेदिक पशु चिकित्सा से पशुओं के रोग निवारण और रोग नियंत्रण के लिए हर्बल संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने मनुष्यों से भी अधिक पशुओं में एंटीबॉयोटिक्स का इस्तेमाल करने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति पशुओं के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे लिए भी अत्यंत हानिकारक है, जिसे हम आयुर्वेद को अपनाकर ही नियंत्रित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, हम केंद्र सरकार के सहयोग से आयुष और आयुर्वेद के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 300 आयुष हेल्थ व वेलनेस केन्द्रों के संचालन तथा 150 पंचकर्म केन्द्रों की स्थापना के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य पशुधन मिशन शुरू किया है, इसके तहत ₹60 करोड़ का निवेश किए जाने की योजना बनाई गई है। इससे सात हजार पशुपालकों को प्रत्यक्ष और दस हजार पशुपालकों को अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिला है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस बार के बजट में स्थानीय निकायों में पशुधन, गौ सदन के निर्माण के लिए ₹14.15 करोड़ का प्रावधान किया है। वहीं, गौ पालन योजना के लिए ₹2.79 करोड़ का प्रावधान भी अलग से किया गया है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, स्वामी बाबा रामदेव, केएन राघवेन्द्र, कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील जोशी, डॉ. हेमेन्द्र यादव, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता मौजूद रहे।