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साइबर स्पेस पर सम्मेलन

  • साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता और मिली जुली संस्कृति तथा राष्ट्रीय भावना पर गर्व करने के लिए पूरे देश में 19-25 नवम्बर 2017 तक कौमी एकता सप्ताह मनाया जाएगा।
  • भारत पहली बार साइबर स्‍पेस पर वैश्विक सम्‍मेलन आयोजित करने जा रहा है। 23 और 24 नवम्‍बर, 2017 को होने वाला यह सम्‍मेलन साइबर स्‍पेस और संबंधित विषयों पर सबसे बड़ा सम्‍मेलन है। यह सम्‍मेलन ऐरो सिटी नई दिल्‍ली में होगा। सम्‍मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी करेंगे। साइबर स्‍पेस पर वैश्विक सम्‍मेलन की शुरुआत लंदन में 2011 में हुई थी। दूसरा सम्‍मेलन 2012 में बूडापेस्‍ट में हुआ था, जिसमें इंटरनेट अधिकारों तथा इंटरनेट सुरक्षा के संबंध पर जोर दिया गया था। तीसरा सम्‍मेलन 2013 में सोल में और चौथा सम्‍मेलन 2015 में हेग, नीदरलैंड में हुआ था। भारत की ओर से आयोजित किया जाना वाला पांचवां सम्‍मेलन है, जिसमें अंतर्राष्‍ट्रीय नेता, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ, बड़े विचारक और साइबर विशेषज्ञ साइबर स्‍पेस के उपयोग और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
  • राष्ट्रपति के अंगरक्षक का इतिहास 1773 से शुरू होता है। वायसराय के अंगरक्षक के रूप में बना यह भारतीय सेना का सबसे पुराना रेजीमेंट है। गणराज्य बनने के एक दिन बाद 27 जनवरी, 1950 को इसे राष्ट्रपति का अंगरक्षक नाम दिया गया। यह भारतीय सेना के अकेला रेजीमेंट हैं, जो पूरी तरह घुड़सवारी पैराट्रूप, टैंक संचालन और रस्मी कर्तव्यों में प्रशिक्षित है। योद्धाओं ने युद्ध के समय और श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के साथ और सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली ऊंचाई पर सेवाएं दी हैं। (स्रोतः पीआईबी)

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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