
ऋषिकेश। 23 मार्च 2025
एम्स ऋषिकेश के अनुसार, देश में बड़ी आंत और मलाशय के कैंसर के मामले बढ़े हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया, इस बीमारी के शुरुआती चरण में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन समय के साथ निम्नलिखित संकेत देखने को मिल सकते हैं-
- मल त्याग की आदतों में बदलाव (लगातार कब्ज या दस्त)
- मल में खून आना
- पेट में लगातार दर्द या सूजन रहना
- अचानक वजन घटना
- कमजोरी और थकान महसूस होना।
निदान और उपचार
विशेषज्ञों ने बताया कि कोलन कैंसर की कोलोनोस्कोपी, मल परीक्षण, सीटी स्कैन और रक्त परीक्षण के माध्यम से प्रारंभिक अवस्था में पहचान की जा सकती है। यदि बीमारी का शीघ्र निदान हो जाए तो इसका इलाज संभव है।
कोलन कैंसर के उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी जैसी चिकित्सा पद्धतियों से उपयोग किया जाता है।
देश में बढ़ रहे बड़ी आंत और मलाशय कैंसर के मामले
एम्स, ऋषिकेश में कोलन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया, बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण भारत में कोलोरेक्टल कैंसर (बड़ी आंत और मलाशय का कैंसर) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि यह समस्या अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं में भी इसके मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
कोलन कैंसर के कारण और जोखिम
कैंसर चिकित्सा विभाग के सह आचार्य डॉ. अमित सहरावत ने बताया कि कोलोरेक्टल कैंसर भारत में छठें स्थान पर सबसे अधिक होने वाले कैंसर में शामिल है।
उन्होंने बताया, फास्टफूड, अधिक वसायुक्त आहार, रेड मीट, शराब और धूम्रपान जैसे कारकों से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, आनुवांशिक कारण, मोटापा, तनाव और शारीरिक निष्क्रियता भी इस बीमारी को बढ़ावा देते हैं।
बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
डॉ. सहरावत ने बताया कि कोलन कैंसर से बचने के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, अधिक फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। अल्कोहल और तंबाकू से दूरी बनाकर रखी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को कोलन कैंसर हो चुका है, उन्हें नियमितरूप से स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए।
भारत में बढ़ रहा है कोलोरेक्टल कैंसर
एम्स के सह-आचार्य डॉ. दीपक सुंदरियाल के अनुसार, पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में अब तक कोलोरेक्टल कैंसर के मामले कम थे, लेकिन हाल के वर्षों में शहरीकरण, अनियमित दिनचर्या और अस्वस्थ खानपान के कारण यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, फास्टफूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स का अत्यधिक सेवन युवाओं में मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने क्या कहा
एम्स ऋषिकेश के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की ओर से कोलन कैंसर जागरूकता माह के तहत ओपीडी में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों, उनके तीमारदारों व अन्य नागरिकों को कोलोरेक्टल कैंसर के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चिकित्सकों ने बताया कि कोलोरेक्टल कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, लेकिन समय रहते स्क्रीनिंग, स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता से इसे रोका जा सकता है।
इस दौरान चिकित्सकों ने सभी लोगों से संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने की अपील की।
कार्यक्रम में डॉ. मयंक , डॉ. अनुषा, डॉ. साईं, डॉ. हर्षा, अंकित तिवारी, आरती राणा, अनुराग पाल, विनीता सैनी, धानीराम पांडेय, कुमुद बडोनी, गणेश पेटवाल आदि मौजूद रहे।
जागरूकता मुहिम की आवश्यकता
एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में कैंसर से संबंधित भ्रांतियां और जागरूकता की कमी के कारण मरीज अक्सर समय पर जांच नहीं कराते, जिससे बीमारी गंभीर स्तर तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि कोलन कैंसर जागरूकता अभियान को सिर्फ एक माह तक सीमित नहीं रखकर इसे पूरे वर्ष चलाने की जरूरत है, जिससे लोग इस बीमारी के प्रति सतर्क हो सकें और समय पर उपचार करा सकें।