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ऐतिहासिक चांदपत्थर के एक बार फिर चमक बिखेरने के दिन आ गए

देहरादून जिले के भोगपुर इलाके में भोगपुर नहर के किनारे गदेरे में है चांद पत्थर

देहरादून। अनंता सोसाइटी (Ananta Society) से जुड़े युवाओं ने ऐतिहासिक महत्व के चांद पत्थर (Chand Pathar) के आसपास स्वच्छता अभियान चलाया। इस अभियान में सोसाइटी के पदाधिकारियों औऱ सदस्यों के साथ वालियंटर्स भी शामिल हुए। महिला मंगल दल गडूल की सदस्यों ने अभियान में सहयोग किया।

अनंता सोसाइटी देहरादून और आसपास के खास इलाकों में स्वच्छता अभियान चला रही है, पर इस रविवार युवाओं, जो अलग-अलग प्रोफेशन से वास्ता रखते हैं, ने चांद पत्थर के आसपास हर रविवार अभियान चलाने और लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है। सोसाइटी की अध्यक्ष तनिशा, जो म्युजिक टीचर हैं, का कहना है, चांद पत्थर के बारे में उन्होंने सुना था, इस पर हमारी जिज्ञासा बढ़ी और टीम के साथ विजिट किया।

देहरादून जिला के भोगपुर क्षेत्र में स्थित चांद पत्थर को ब्रिटिशकालीन इतिहास की एक घटना से जुड़ा माना जाता है। चांदपत्थर के बारे में कहा जाता है कि इस पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाई थीं, जिस पर गोलियों के निशान साफ दिखाई देते हैं। हालांकि हम यह पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते कि ये निशान गोलियों के ही हैं।

अनंता सोसोइटी के इस अभियान से पहले एक्टीविस्ट मोहित उनियाल के साथियों ने स्वच्छता अभियान चलाया था।

रविवार दोपहर अनंता सोसाइटी के डॉ. सौरव रावत, डॉ. अदिति उनियाल, जो बीएएमएस डॉक्टर हैं, सहित 11 युवाओं का दल चांदपत्थर क्षेत्र में पहुंचे। इस दल में डॉ. सौरव रावत, डॉ. अदिति उनियाल, म्युजिक टीचर तनिशा, लॉ स्टूडेंट रक्षा गुसाईं, सोशल वर्कर ऋषभ गुसाईं, बिजनेसमैन आशीष रावत, डिजिटल मार्केटर सचिन रावत सहित अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़े संदीप नेगी, आयुष, अनुराग शामिल हुए।

चांदपत्थर पर पहले दिन के स्वच्छता अभियान में महिला मंगल दल से जुड़ीं उर्मिला मनवाल और यशोदा भी शामिल हुए।

युवा बताते हैं, यह शुरुआत है, हम इस अभियान को हर रविवार चलाएंगे, तब तक चलाएंगे, जब तक गुमनाम चांद पत्थर के आसपास सबकुछ अच्छा और सकारात्मक नहीं हो जाता। आज 11 युवा यहां पहुंचे, हर बार यहां आकर चांद पत्थर के आसपास की दशा संवारने के लिए युवाओं की संख्या बढ़ती जाएगी।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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