
Bronchoscopy facility Srinagar: बेस अस्पताल श्रीनगर में ब्रोंकोस्कोपी जांच की अत्याधुनिक सुविधा
स्वास्थ्य मंत्री की पहल, 100 से अधिक मरीजों को मिला लाभ
Bronchoscopy facility Srinagar: मनमोहन सिंधवाल। श्रीनगर, 05 जून, 2025: राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल के श्वास रोग (रेस्पिरेटरी मेडिसिन) विभाग में अब ब्रोंकोस्कोपी जांच मशीन की सुविधा उपलब्ध है। यह गढ़वाल क्षेत्र के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्हें पहले इस महत्वपूर्ण जांच के लिए अन्य शहरों में जाना पड़ता था। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल पर यह मशीन अस्पताल को प्रदान की गई है, जिससे अब श्वास रोग विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक आसानी से मरीजों की जांच कर पा रहे हैं।
अभी तक 100 से अधिक मरीजों की ब्रोंकोस्कोपी जांच सफलतापूर्वक की जा चुकी है।
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रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विक्की बक्शी ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी जांच (Bronchoscopy facility Srinagar) से फेफड़ों से संबंधित समस्याओं का सटीक निदान संभव हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक हुई 110 ब्रोंकोस्कोपी जांचों में से 21 मरीजों में फेफड़ों के कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। इनमें से कुछ का इलाज कैंसर विभाग में चल रहा है, जबकि कुछ गंभीर मरीजों को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। शेष संक्रमण वाले मरीजों का इलाज रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में ही चल रहा है और उनमें से अधिकांश ठीक भी हो चुके हैं।
ब्रोंकोस्कोपी क्या है और इसका महत्व?
डॉ. विक्की बक्शी ने समझाया कि ब्रोंकोस्कोपी एक ऐसी जांच प्रक्रिया है जिसमें एक पतला ब्रोंकोस्कोप नाक या मुंह के माध्यम से गले और श्वास नली से होते हुए फेफड़ों में डाला जाता है। यह प्रक्रिया फेफड़ों में किसी भी असामान्य वृद्धि, संक्रमण या अन्य समस्या का पता लगाने में मदद करती है। साथ ही, आवश्यकता पड़ने पर बायोप्सी के लिए सैंपल भी लिए जा सकते हैं।
ब्रोंकोस्कोपी का उपयोग मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर, निमोनिया, टीबी और अन्य गंभीर श्वास रोगों की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। इस जांच सुविधा के उपलब्ध होने से न केवल गढ़वाल, बल्कि कुमाऊं के भी कई मरीज अब यहीं आकर जांच करा पा रहे हैं, जिससे उन्हें दून या ऋषिकेश नहीं जाना पड़ रहा।