
AIIMS Rishikesh Esophagus Surgery: ऋषिकेश, 4 जून 2025 – एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुभव और टीम वर्क की कुशलता ने एक बार फिर मिसाल कायम की है। एक साल से भी अधिक समय से फीडिंग पाइप के सहारे जी रही 24 वर्षीय महिला को डॉक्टरों की टीम ने नई आहार नली बनाकर नया जीवन दिया है। इस सफल सर्जरी के बाद महिला अब सामान्य रूप से भोजन ग्रहण कर रही है और पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर पर है।
बीमारी का दर्दनाक सफर
मुरादाबाद की इस महिला की आहार नली एसिड युक्त टॉयलेट क्लीनर पेट में चले जाने के कारण पूरी तरह जल गई थी। इस वजह से वह पिछले 13 महीनों से सिर्फ फीडिंग ट्यूब (जेजुनोस्टॉमी) के माध्यम से तरल भोजन पर निर्भर थी और मुंह से कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ थी। कई अस्पतालों में इलाज करवाने के बावजूद उसकी भोजन नली में आई रुकावट दूर नहीं हो पाई थी, जिसके बाद वह एम्स ऋषिकेश पहुंची।
AIIMS Rishikesh Esophagus Surgery: जोखिम भरी सर्जरी से मिला नया जीवन
एम्स में जांचों के बाद सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने महिला की बड़ी आंत के एक हिस्से से नई आहार नली (इसोफेगस) बनाने का निर्णय लिया। विभाग के प्रमुख और मुख्य शल्य चिकित्सक डॉ. लोकेश अरोड़ा ने बताया कि “कोलोनिक पुल-अप” नामक इस जटिल सर्जरी में आंत का हिस्सा पेट से होते हुए छाती के रास्ते गले तक खींचा गया। लगभग 7 घंटे चली इस जोखिम भरी सर्जरी को विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम ने मिलकर सफल बनाया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्याश्री ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर पूरी टीम की सराहना की है।
चुनौतियाँ और टीम वर्क
डॉ. लोकेश अरोड़ा ने बताया कि इस सर्जरी की सबसे बड़ी चुनौती आहार नली के पास स्थित वॉयस बॉक्स (स्वरयंत्र) को सुरक्षित रखना था। थोड़ी सी भी चूक से स्वरयंत्र को स्थायी नुकसान हो सकता था और महिला की आवाज हमेशा के लिए जा सकती थी। इस चुनौती से निपटने के लिए विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम गठित की गई और उनकी गहन निगरानी के कारण ही यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही।
टीम में शामिल डॉक्टर: डॉ. लोकेश अरोड़ा (विभागाध्यक्ष, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) के साथ इस टीम में डॉ. सुनीता सुमन, डॉ. नीरज यादव, डॉ. विनय, डॉ. अजहर, डॉ. शुभम, डॉ. अमन (सभी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी), ईएनटी सर्जन डॉ. अमित त्यागी, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. संजय अग्रवाल व नर्सिंग ऑफिसर दीप, मनीष, सीमा और रितेश आदि शामिल रहे।
शानदार रिकवरी
सर्जरी के बाद रोगी को 5 दिनों तक सीसीयू में रखा गया। जनरल वार्ड में शिफ्ट होने के बाद आठवें दिन से उसने मुंह से भोजन करना शुरू कर दिया और 15वें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह सर्जरी जनवरी माह में हुई थी, और पिछले 4 महीनों से डॉक्टरों ने नियमित रूप से फोन और फॉलो-अप के माध्यम से उसके स्वास्थ्य की निगरानी की। चिकित्सकों के अनुसार, पूर्ण भोजन ग्रहण करने से अब महिला का 10 किलोग्राम वजन बढ़ गया है और वह सामान्य जीवन जीते हुए पूरी तरह स्वस्थ है।