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डेंगू पर नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले, गाइड लाइन जारी

स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के साथ समीक्षा बैठक की

देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर डेंगू रोगियों के बेहतर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण के लिए समीक्षा बैठक की।

समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोष नामित किया गया। वहीं, इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

निर्णय लिया गया, डेंगू रोग के संक्रमण काल को देखते हुए जनपदों के सभी राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के लिए 30 फीसदी  डेंगू आईसोलेशन बेड आरक्षित रखे जाएं, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाने की व्यवस्था की जाए।

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राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 फीसदी रोगियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं, जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। यदि रोगी के लक्षण जैसे- लगातार तेज बुखार (38.5 डिग्री सेल्सियस और ऊपर), रक्तस्राव, ऐंठन, सांस लेने में कठिनाई या सांस फूलना, लगातार दिन में तीन बार से अधिक उल्टी हों (Persistant High grade fever (38.5°C and above), Bleeding, Convulsions, Difficulty in Breathing or palpitation or Breathlessness, Persistant Vomiting >3 times a day) हों तो रोगी को अविलम्ब चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।

डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए, ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाए।

डेंगू रोग पर नियंत्रण के लिए लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों और लोगों पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया जाए, ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके और इस बीमारी का महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण संबंधित कार्रवाई की जाए, जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रांतियों के समाधान के लिए जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिश्चित करें।

आम जन में ब्लड डोनेशन के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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