
देहरादून जिले में 20 फरवरी तक वन पंचायतों के गठन के निर्देश
वन पंचायतों के गठन के लिए डीएम ने एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया
देहरादून। 08 जनवरी 2025
जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलक्ट्रेट में जिला वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में जंगलों में आग की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए वन पंचायतों एवं स्थानीय निवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने 20 फरवरी तक वन पंचायतों का गठन करने के निर्देश दिए। इसके लिए उप जिलाधिकारी गौरव चटवाल को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि वन पंचायतों को हरसंभव वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा, स्थानीय स्तर पर जन जन के सहयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। फायर सीजन में सिविल फॉरेस्ट की आग को गंभीरता से लेना आवश्यक है, इसके लिए राजस्व एवं वन विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। वनाग्नि की सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए 15 फरवरी से वन विभाग के 24×7 आपदा कन्ट्रोलरूम में ड्यूटी करेंगे।
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए ‘‘फारेस्ट फायर उत्तराखंड’’ मोबाइल एप बनाया गया है, जिस पर लोग वनाग्नि की सूचना दे सकते हैं।
समिति के सदस्य पद्मश्री डॉ. कल्याण सिंह रावत “मैती” ने सुझाव दिया, वनाग्नि की रोकथाम के लिए गांव एवं स्कूल स्तर पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम करने आवश्यक हैं, जिससे लोगों को जल एवं जंगल से जोड़ा जा सके। वहीं समिति के सदस्य विनोद प्रसाद जुगलान ने सुझाव देते हुए कहा कि वन क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया जाए।