Featuredhealth

एन्फ्लुएंजा को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश

जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य ने निर्देश दिए

देहरादून। उत्तराखंड में मौसमी इन्फ्लुएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम की तैयारियों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
वर्चुअल बैठक में इन्फ्लुएंजा के संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियों पर  चर्चा की गई। मुख्य चिकित्साधिकारियों ने बताया, स्वास्थ्य इकाइयों में समय रहते दवा, आइसोलेसन सुविधा, बेड, ऑक्सीजन, मास्क और अन्य जरूरतों के इंतजाम कर लिए गए हैं।
अपर सचिव ने बताया, मौसमी इन्फ्लुएंजा के अधिकतर रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो स्वत: ठीक हो जाते हैं।
वर्चुअल बैठक के दौरान अन्य रोगों, जैसे मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि से ग्रसित लोग एवं अति संवेदनशील वर्ग जैसे बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने पर भी जोर दिया गया।
मौसमी इन्फ्लुएंजा को लेकर लोगों में व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा क्या-करें, क्या ना करें पर आधारित सन्देशों को प्रसारित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा की गई कि इन्फ्लुएन्जा रोकथाम एवं बचाव से जुड़ी सही जानकारियों को समय-समय पर मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाएं। बैठक के दौरान एनएचएम  निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, राज्य नोडल अधिकारी आईडीएसपी डॉ. पकंज कुमार सिंह भी शामिल रहे।

newslive24x7

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button