ElectionFeaturedNewsPolitics

Rahul Gandhi ने आखिर बता ही दिया, T-Shirt से किनको मैसेज देना चाहते हैं

#Bharat Jodo Yatra को लीड कर रहे राहुल कड़ाके की ठंड में भी केवल एक टी शर्ट पहनकर चल रहे

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लीड कर रहे राहुल गांधी कड़ाके की ठंड में भी केवल एक टी शर्ट पहनकर चल रहे हैं। पहले राहुल गांधी की टी शर्ट के रेट को लेकर उनके विपक्षियों ने निशाना साधा और अब शीत लहर में उनकी टी शर्ट चर्चाओं में है। पर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने इतनी ठंड में स्वेटर क्यों नहीं पहना, यह टी शर्ट ही क्यों पहन रखी है। आखिर, वो टी शर्ट के जरिये किनको मैसेज देना चाहते हैं।

उन्होंने ट्वीट किया है, इस टी शर्ट से बस इतना इजहार कर रहा हूं, थोड़ा दर्द आपसे उधार ले रहा हूं।

यह भी पढ़ें- भारत जोड़ो यात्रा, सीखने का बड़ा अनुभव : मोहित उनियाल

राहुल एक वीडियो में यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “हम सुबह छह बजे भारत जोड़ो यात्रा शुरू करते हैं। तीन गरीब बच्चे मेरे पास आ गए, उनकी शर्ट फटी हुई थीं। वो मेरे साथ फोटो लेना चाहते थे। मैंने जैसे ही उन बच्चों को पकड़ा, वो ठंड से कांप रहे थे। उन्होंने पतली सी शर्ट पहन रखी थी। उस दिन मैंने निर्णय ले लिया, जब तक मैं नहीं कांपूंगा, मैं टी शर्ट पहनूंगा। जब मुझे ठंड लगनी शुरू हो जाएगी, जब मुझे जबरदस्त कठिनाई होगी, तब मैं स्वेटर पहनने की सोचूंगा। इससे पहले टी शर्ट पहनकर ही चलूंगा। मैं उन तीन बच्चियों को मैसेज देना चाहता हूं कि आपको ठंड लग रही है, तो राहुल गांधी को भी ठंड लगेगी, जिस दिन आपने स्वेटर पहन लिया, उस दिन राहुल गांधी स्वेटर पहन लेगा। ”

 

newslive24x7

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन करते हैं।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button