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पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

भाजपा विधायक मंडल की बैठक में धामी पर नाम पर लगी मुहर

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा विधायक दल ने सोमवार शाम भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी की उपस्थिति में पुष्कर सिंह धामी को अपना नेता चुना है। धामी उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री होंगे।

उत्तराखंड में भाजपा ने विधानसभा चुनाव पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लड़ा था। उनको मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित किया गया था। भाजपा ने इस चुनाव में 47 सीटें हासिल करके एक बार फिर सत्ता के बहुमत हासिल कर लिया था, लेकिन धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए थे, इस पर उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कम हो गई थीं।

धामी के अलावा अन्य नामों को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल बताया जा रहा था। अब भाजपा नेतृत्व ने एक बार फिर धामी पर विश्वास व्यक्त किया है और पार्टी के विधायक दल ने उनको अपना नेता चुना है। अब धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री 12वें मुख्यमंत्री होंगे।

उत्तराखंड में यह पहला मौका है, जब किसी दल ने सत्ता में रहते हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल किया हो। उत्तराखंड में 2002 से हो रहे चुनाव में कांग्रेस, 2007 में भाजपा, 2012 में फिर कांग्रेस तथा इसके बाद 2017 और 2022 में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है।

2017 में भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार बनाई थी, बाद में करीब चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया था। उनके बाद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा। तीरथ सिंह रावत के बाद धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। धामी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही भाजपा ने विधानसभा लड़ा और बहुमत हासिल किया।

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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